जेठौर नाथ / ज्येष्ठ गौर नाथ महादेव मंदिर, बांका (Jyeshtha Gaur Nath Mahadev Temple) – Banka

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Jyeshtha Gaur Nath Mahadev Temple, Banka

ज्येष्ठ गौर नाथ महादेव मंदिर बांका जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बांका जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। इस मंदिर में आपको शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बांका जिले में चंदन नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर आपको मंदिर के पास में ही एक पहाड़ी देखने के लिए मिलती है। यह इलाका बहुत सुंदर लगता है। मंदिर के गर्भ गृह में आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर शिवरात्रि और सावन के समय बहुत सारे भक्त शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर चंदन नदी का दृश्य बहुत सुंदर लगता है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। 

Jyeshtha Gaur Nath Mahadev Temple, Banka

बाबा भोलेनाथ के मंदिर के पास पहाड़ी के ऊपर आपको मां काली का मंदिर देखने के लिए मिलता है। मां काली का मंदिर बहुत सुंदर है और यहां पर गर्भ ग्रह में मां काली के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। कहा जाता है, कि जो भी व्यक्ति यहां पर सच्चे मन से, मां के दरबार में आता है। मां उसकी मनोकामना जरूर पूरी करती है। यहां पर आपको ट्रैकिंग करके आनी पड़ता है। मगर आपको यहां पर मजा बहुत आता है। यह जगह बरसात में देखने लायक रहती है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। 

Jyeshtha Gaur Nath Mahadev Temple, Banka

बांका जिले के रजौन एवं अमरपुर थाना क्षेत्र के सीमा पर स्थित अमरपुर प्रखंड अंतर्गत चांदन नदी के दक्षिण-पश्चिमी तट एवं अमरपुर शहर से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर दक्षिणी-पूर्वी जेठौर पहाड़ की तलहटी के मनोरम वादियों में स्थित है बाबा ज्येष्ठगौर नाथ (जेठौर) महादेव मंदिर, जो एक मुखी शिवलिंग के लिए ख्याति प्राप्त है. यह शिवलिंग जेठौर नाथ मुख्य मंदिर के उत्तर में स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में स्थापित है.

पुरातत्वविदों के अनुसार, यह एक मुखी शिवलिंग सदियों पुरानी है. इस शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु सालों भर दूर-दूर से आते हैं. वैसे तो इस मंदिर में आसपास सहित दूर-दूर से श्रद्धालु प्रत्येक सोमवार को पूजा-अर्चना करने के लिए आते है, लेकिन शिवरात्रि एवं सावन मास में यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. अंग क्षेत्र का यह मंदिर शिव, शैव और शक्ति का अनूठा संगम माना जाता है. कहा जाता है कि बाबा ज्येष्ठगौर नाथ महादेव मंदिर में मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती है. मान्यताओं के अनुसार, पूरी पृथ्वी पर यह पहला शिवलिंग है, जिस कारण से इन्हें ज्येष्ठ अर्थात सबसे बड़े शिवलिंग के नाम से जाना जाता है.

Jyeshtha Gaur Nath Mahadev Temple, Banka

1400 वर्ष पूर्व शशांक गौर ने कराया था शिवलिंग की स्थापना

बताया जाता है कि करीब 1400 वर्ष पूर्व हर्षवर्धन के समकालीन एवं उनके प्रतिद्वंदी शशांक गौर ने अपने प्रदेश में 108 विभिन्न रूप के शिवलिंग की स्थापना कराई थी, जिसमें संभवत: जेठौरनाथ का शिवलिंग सबसे बड़ा है, इसलिए इसे ज्येष्ठगौर नाथ कहा गया है. स्थानीय डीएन सिंह महाविद्यालय भुसिया, रजौन के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष डॉ. प्रोफेसर प्रताप नारायण सिंह एवं इसी महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य सह इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. प्रोफेसर जीवन प्रसाद सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि ऐसा ही शिवलिंग भागलपुर जिले के शाहकुंड की पहाड़ी पर बने मंदिर में भी मिला है. उन्होंने आगे बताया कि अंग दशाष्टक श्लोक में भी शशांक गौर द्वारा स्थापित 108 शिवलिंग की चर्चा की गई है. जेठौर नाथ में मिले शिवलिंग में तीन भाग स्पष्ट हैं, पहला भाग भोग बीच में भद्रपीठ या विष्णु पीठ एवं नीचे ब्रह्म पीठ, रूद्रभाग पर भगवान शिव का चेहरा उकेरा गया है. आमतौर पर भगवान शिव की प्रतिमा में त्रिनेत्र दिखता है, लेकिन इस शिवलिंग में त्रिनेत्र नजर नहीं आ रहा है, जटाजूट धारी इस शिवलिंग के गले में ग्लाहार बना हुआ है एवं कान में कुंडल भी है जो संभवत: उस समय प्रचलन में होगा.

Jyeshtha Gaur Nath Mahadev Temple, Banka

मंदिर के ठीक पूरब दिशा में बहने वाली चांदन नदी के मध्य में दानवीर कर्ण की चिताभूमि है. महाभारत काल के अनुसार, सूर्यपुत्र दानवीर कर्ण ने मृत्यु के समय भगवान श्री कृष्ण से वचन लेते हुए कहा था कि मेरी चिता वैसी जगह जलाई जाए जहां एक भी चिता नहीं जलाई गई हो. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने दानवीर कर्ण का शव लेकर पूरी दुनिया का भ्रमण करते हुए चांदन नदी के तट पर आए और अपने हाथों में दानवीर कर्ण की चिता जलाई. पुजारियों ने आगे बताया कि इस स्थान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि नदी में बाढ़ आने के बाद भी चितास्थल नहीं डूबती है. जिसका उदाहरण साल 1995 में आई भीषण बाढ़ में भी देखने को मिली थी.

मंदिर के पश्चिम-उत्तर दिशा में स्थित पहाड़ी पर है मां दक्षिणेश्वर काली की मंदिर

मंदिर के पश्चिम उत्तर दिशा में जेठौर पहाड़ के ऊपर मां दक्षिणेश्वर काली की मंदिर है. बाबा ज्येष्ठगौर नाथ मंदिर में पूजा करने के बाद श्रद्धालु चिताभूमि एवं मां दक्षिणेश्वर काली की भी पूरी श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करते हैं. चांदन नदी के किनारे भगवान शिव, नदी के मध्य में दानवीर कर्ण की चिता भूमि एवं पहाड़ी पर मां काली का मंदिर इस क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान से कम नहीं है.

Pond near Jyeshtha Gaur Nath Mahadev Temple, Banka

सावन में जलाभिषेक के लिए सुल्तानगंज से जल भरकर पैदल आते हैं श्रद्धालु

प्रत्येक वर्ष सावन माह में श्रद्धालु सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर पैदल या डाक बम कांवर लेकर बाबा ज्येष्ठगौर नाथ महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने आते हैं. वहीं, महाशिवरात्रि पर तीन दिनों तक मंदिर में भव्य मेला का आयोजन किया जाता है. साथ ही महाशिवरात्रि के दिन गाजे-बाजे के साथ बड़े ही धूमधाम से भव्य शिव बारात भी निकाली जाती है.

Road to Jyeshtha Gaur Nath Mahadev Temple, Banka

मंदिर तक पहुंचने का मार्ग

बांका-अमरपुर मुख्य सड़क मार्ग पर इंग्लिश मोड़ से पूरब की ओर करीब 5 किलोमीटर तथा भागलपुर-हंसडीहा मुख्य सड़क मार्ग पर रजौन थाना क्षेत्र के पुनसिया बाजार से पश्चिम की ओर करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है जेठौर नाथ मंदिर. इंग्लिश मोड़ एवं पुनसिया बाजार से मंदिर तक आवागमन के लिए सुबह से शाम तक ऑटो सहित अन्य यात्री गाड़ियां मिलते रहती है.

Barapalasi Bus Stop

SH 17; Barapalasi; Jharkhand 814145; India
2.5 KM distance