अंगिका साहित्य का इतिहास (डा0 अभयकान्त चैधरी एवं डा0 चकोर)
अंगिका भाषा का इतिहास (डा0 तेजनारायण कुशवाहा)
अंग और अंगिका के अन्र्तराष्ट्रीय आयाम (कुन्दन अमिताभ)
अंगिका साहित्य रॊ इतिहास (डा0 डोमन साहु समीर
डा0 कुशवाहा, डा0अमरेन्द्र)
अंगिका भाषा आरो साहित्य (सुमन सूरो)
अंगिका पत्रकारिता रॊ इतिहास (डा0 मधुसूदन झा)
हमरॊ जीवन के हिलकोर (डा0 अभयकांत चैधरी)
मलिनी के संस्मरण (विकास पाण्डेय)
आध्यात्मिक आरो साहित्यिक जतरा (डा0 नरेश पाण्डेय चकोर)
चकोर आरो हुनकॊ साहित्य साधना (डा0 तेजनारायण कुशवाहा)
गणनायक केरॊ देश में, ‘अंगिका के आदि कवि : सरह’ (सभी कुन्दन अमिताभ)
ऐंगन्है में अतीत (डा0 मृदुला शुक्ला)
नैहरा के ओलती आरो ऐंगना (जीवनलता पूर्वे)
सती बिहुला (गोपाल कृष्ण प्रज्ञ)
अंगिका लोककथा (आभा पूर्वे)
चलॊ खिस्सा के गाँव (मीना तिवारी)
सात पट्ठा हट्ठा कट्ठा (विद्यानन्द किशोर)
अंग देश केरॊ लोक कथा, शीत बसंत (सभी कुन्दन अमिताभ)
केवल लिखित साहित्य को ही आधार मानें तो अंगिका भाषा में साहित्य निर्माण की समृध्द परम्परा प्राचीन काल से ही सतत रूप से जारी है, जो प्रामाणिक रूप से पिछले तेरह सौ वर्षों के कालखंडों में बिखरा पड़ा है. महापंडित राहुल सांकृत्यायन के अनुसार हिन्दी भाषा के लिखित साहित्य का प्राचीनतम स्वरूप ‘अंग’ के प्राचीन सिध्द कवि ‘सरह’ की आठवी सदी में लिखी अंगिका-अपभ्रंश भाषा की रचनाओं में उपलब्ध है. अगर वैदिक संस्कृत में सृजित साहित्य के प्रारंभिक वर्षों को भारतीय भाषाओं में साहित्य लेखन की शुरूआत मानी जाय तो ‘अंगिका’ भाषा में साहित्य निर्माण का कार्य आज से चार हजार वर्ष पूर्व शुरू हो चुका था.
अंगिका में लिखित एवं अलिखित दोनों ही तरह के साहित्य प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं. आज की स्थिति यह है कि अंगिका भाषा का अपना वेब पोर्टल अंगिका.कॉम बर्ष 2003 से अस्तित्व में हैं. साथ ही अंगिका भाषा में गुगल.क़ॉम जैसा विश्व के अव्वल दर्जे का सर्च इंजन भी बर्ष 2004 से उपलब्ध है. किसी भी विकसित भाषा की उत्कृष्टता का पैमाना बन चुके इन सुविधाओं से लैस होकर इंटरनेट क्रांति के इस युग में अंगिका भारत ही नहीं विशव की…
Kavi Saraha was the first poet of Angika, whose poetry are available in written form. Poems were written by him in 800 A.D.
Sarah's famous "Doha Kosha" was written in Angika Language. He Wrote 36 books in Angika. Sarah is also considered as the first poet of Hindi language whose poetry is available in written forms (this fact is not proved yet).
Presently hundreds of standard books and thousands of articles are available in Angika language. Ang Madhuri, a monthly magazine of Angika language is being published by Dr. Naresh Pandey Chakore regularly for the last 39 years. Angika is being taught in Tilkamanjhi University of Bihar state at Graduation and Post Graduation Levels.