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धोरैया: गरमी के दस्तक देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के चापाकल दम तोड़ने लगे हैं. प्रखंड में जलापूर्ति योजना की स्थिति संतोषप्रद नहीं है, फिर भी पीएचइडी पेयजल संकट नहीं होने का दावा कर रहा है. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुमानत: प्रखंड क्षेत्र में करीब 1200 चापाकल चालू अवस्था में हैं, जबकि करीब सात सौ चापानल मरम्मत के अभाव में बेकार पड़े हैं. प्रखंड के गौरा, सगुनियां, चंदाडीह, सिज्झत, जयपुर, गंगदौरी तथा बलियास में बोरिंग भी शोभा की वस्तु बने हुए हैं. मुख्यालय में स्थित जलमीनार भी लोगों की प्यास बुझाने में अक्षम साबित हो रही है.
Source: Banka News