बिहार राज्य के बेगूसराय जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर खम्हार ग्राम स्थित गौतम धाम है। गौतम वंशियो के सहयोग से सर्व जन हिताय-सर्व जन सुखाय स्थापित यह धाम बेगूसराय रोसड़ा राज्य पथ एस एच 55 पर स्थित हिंदुओं का एक महान् तीर्थ नगरी एवं सांस्कृतिक स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। उत्तरी बिहार की विरासत की पवित्र भूमि और गौतम गोत्रीय समाज की अवधारणा को जनमानस के बीच उजागर करने में यह स्थल अवश्य ही अग्रणी भूमिका निभाएगा। पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान बिहार के गौरव में चार चाॕद लगा रहा है| समग्र विश्व को न्याय दर्शन देने वाले अक्षपाद महर्षि गौतम के सम्मान में निर्मित महर्षि गौतम न्याय मंदिर में धार्मिक ,आध्यात्मिक, सांस्कृतिक ,विरासत को सहेजने और आलोकित करते रहने के लिए महर्षि गौतम और माता अहल्या की भव्य प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठित हैं ।
महापुरुषों के अलावे प्राचीन भारत के महान् मार्गदर्शक मनीषियों, ऋषियों, मुनियों की भव्य तस्वीर चतुर्दिक प्रदर्शित हैं। लोक आस्था और नैतिकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए श्री रामभक्त हनुमान जी की माता अंजना माई और उनकी गोद में प्यारे दुलारे बाल रूप हनुमान की अद्भुत प्रतिमा के साथ-साथ पास के गर्भगृह में देवों के देव महादेव सपरिवार यहाँ उपस्थित हैं। माता दुर्गा, माता गायत्री, महालक्ष्मी,महासरस्वती, महाकाली आदि देवी देवताओं की भव्य प्रतिमाएं भी प्राण प्रतिष्ठित हैं।
पूजा अर्चना
यहाँ प्रकांड पंडित और पुजारी की देखरेख में नियमित रूप से पूजा और अर्चना की जाती है।रामायण पाठ, श्री सत्यनारायण स्वामी पूजा, अष्टयाम, नवाह, भागवत कथा जैसे अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं
सूविधाएं
लोक कल्याण के लिए सामाजिक मांगलिक संस्कार जैसे- मुंडन ,उपनयन ,शादी -विवाह इत्यादि समारोह पूर्वक संपन्न करने के लिए तथा सामाजिक, सांस्कृतिक ,आध्यात्मिक, आर्थिक एवं अन्य विधि सम्मत कार्यकलापों को बढ़ावा देने, संवाद कायम करने, कार्यशाला आयोजित करने हेतु भव्य और विशाल सामुदायिक भवन का निर्माण अंतिम चरण में है। इन सुविधाओं का लाभ निःशुल्क या न्यूनतम शुल्क के साथ उठाए जा सकेंगे। यहाँ फिलहाल शादी विवाह एवम अन्य समारोहों का आयोजन नियमित तौर पर हो रहे हैं।
पर्यावरण मैत्री पहल पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से परिसर में उपलब्ध प्राकृतिक गौतम सरोवर को सौंदर्यीकृत कर चारों तरफ पैदल परिपथ बनाकर और आकर्षक पेड़- पौधा लगाकर मनोरम बनाने का कार्य जारी है। इसमें वैयक्तिक और सरकारी स्तर पर सहायता प्राप्त हो रही है। गौतम धाम परिसर के चारों तरफ प्राकृतिक रूप से पेड़ -पौधे लगे रहने के कारण भी हरियाली आच्छादित है जिससे संपूर्ण वातावरण मनोहारी और रमणीय है।