Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]
गंगा के जलस्तर में वृद्धि व तेज हवा चलने से कहलगांव शहरी क्षेत्र के काली घाट से श्मशान घाट तक कटाव तेज हो गया है. पंपू घाट स्थित सैकड़ों वर्ष पुराना विशाल पीपल का पेड़ शनिवार की रात उखड़ कर गंगा में समा गया. पेड़ के बगल में गंगा किनारे काले मुनीलाल सहनी, निर्मल सहनी व बलदेव सहनी के घर भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं. मुनी लाल सहनी के घर के सामान भी गंगा में विलीन हो गये. वहीं काजीपुरा घाट स्थित विशालकाय बरगद का पेड़ जड़ से उखड़ कर गंगा में गिर गया है. साथ ही अगल-बगल लगे कई बांस के बेड़े उखड़ कर गंगा में गिर गये. चारोंधाम घाट स्थित दो नारियल के पेड़, सतीघाट से श्मशान घाट के बीच बगीचा के सागवान, आम के कई पेड़ भी गंगा में समा गये हैं. वर्ष 2003 में बनाया गया डॉल्फिन शेड कटाव की भेंट चढ़ गया.
Source: Bhagalpur News