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भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में सिंडिकेट की बैठकें होती हैं. हर बैठकों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये जाते हैं, लेकिन सिंडिकेट के सदस्य इस बात का जवाब नहीं तलाशते कि पुराने फैसले का अनुपालन किस स्थिति में है. हर बैठक में पिछले वृत्त की पुष्टि की जाती है. लेकिन ऐसी पुष्टि का क्या मतलब, जब सिंडिकेट यह जानना ही नहीं चाहता कि उनके द्वारा पूर्व में लिये निर्णय पर कोई सुनवाई हुई या नहीं. ऐसा भी नहीं है कि सिंडिकेट के अधिकतर सदस्य बदल गये हैं.
Source: Bhagalpur News