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डॉ. अमरेन्द्र – Dr. Amarendra
by AngDesh Admin on 4 hours ago - 0 Comments
डॉ. अमरेन्द्र जन्म : 5 जनवरी, 1949, बाँका अनुमंडल हिन्दी और अंगिका में विपुल साहित्य के सर्जक डॉ. अमरेन्द्र का जन्म, बिहार के पुराने जिले भागलपुर के बाँका अनुमंडल (अब जिला) के रजौन थानान्तर्गत, पौराणिक नदी चानन नदी के पूर्वी छोर पर बसा रुपसा (रूपसार) गाँव में पाँच जनवरी उन्नीस सौ उनचास ई. में हुआ […]
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हीरा प्रसाद “हरेन्द्र” – Heera Prasad “Harendra”
by AngDesh Admin on 4 hours ago - 0 Comments
हीरा प्रसाद “हरेंद्र” जन्म : 6 सितम्बर, 1950, सुल्तानगंज प्रखंड श्री हीरा प्रसाद “हरेंद्र” की रचनाएँ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें अंगिका के महाकवि आरो अवकाश प्राप्त कुशल प्रधानाचार्य श्री हीरा प्रसाद हरेंद्र जी के जन्म ६ सितम्बर १९५० क भागलपुर (बिहार) के सुल्तानगंज प्रखंड अंतर्गत कटहरा मेँ होलै | हिनी शिक्षण करते हुए […]
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पीवी उल्फत के जाम – हीरा प्रसाद ‘हरेन्द्र – अंगिका काव्य
by AngDesh Admin on 6 hours ago - 0 Comments
पीवी उल्फत के जाम, मने-मन सोचै छी,सब आशिक छै बदनाम, मने-मन सोचै छी । फूहड़ घासोॅ सें बाग-बगीचा छै भरलोॅ,केना खिलतै गुलफाम, मने-मन सोचै छी । घर-घर होलै परचार विदेशी चीजोॅ के,अब होतै की अंजाम, मने-मन सोचै छी । कम्बल ओढ़ी जब घी पीवी मोटैलोॅ छोॅ,लागै छोॅ सब सद्दाम, मने-मन सोचै छी । बेटी बनलै […]
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राधा – वन्दना – हीरा प्रसाद ‘हरेन्द्र’ – अंगिका काव्य
by AngDesh Admin on December 2, 2023 - 0 Comments
जयति जय जय राधिका जय, जयति संकट टारिणी।जयति जय वृषभानुबाला जयति जय अघ हारिणी॥ नाम तोरोॅ पाप नाशक, नाश पापोॅ के करोॅ।दुखमयी धरती-धरा के, शीघ्र तों विपदा हरोॅ॥यातना यम के भगाबोॅ, त्रास मेटनहार छोॅ।भक्त हितकारी धरा पर, भक्त के आधार छोॅ॥ मांगलिक हर क्षण बनाबोॅ, आय मंगलकारिणी।जयति जय जय राधिका जय, जयति संकट टारिणी॥ बुद्धि […]
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राधा – अध्याय 9 – हीरा प्रसाद ‘हरेन्द्र’ – अंगिका काव्य
by AngDesh Admin on December 2, 2023 - 0 Comments
नद्दी नाला गंगा जल सें,मिलथैं मन हर्षाय।गंगा अकुलैलोॅ-बकुलैलोॅ,सागर बीच समाय॥1॥ चानोॅ सें चाननी सुरुज सें,किरण अलग न´् होय।ब्रह्म जीव नै अलग वोहिनाँ,कहै एक सब कोय॥2॥ जड़-चेतन सब्भै के आशा,इष्ट चरण लपटाय।मधुर मिलन सुख सार धरा पर,सगरे सब्भैं गाय॥3॥ ब्रह्मा जीव दोनों छै सुन्ना,सुन्ना सगरे छाय।सुन्ना सें जों निकलै सुन्ना,बचिये सुन्ना जाय॥4॥ एक संात, दोॅसर अनंत […]