Book – विक्रमशिला का इतिहास – परशुराम ब्रह्मवादी
₹500.00
Additional Info
Type of ad: | I Offer |
Posted By | Individual |
Condition | New |
Brand | Publisher: Sat Sahitya Prakashan |
City/Town/District | Bhagalpur |
Zip/Postal Code | 812006 |
Contact Name | परशुराम ठाकुर ब्रह्मवादी |
Mobile Number | 9801649792, 9162089801 |
[email protected] |
- ISBN: 9788177212181, 9788177212181
- Language: Hindi
- Binding: Hardcover
- Publisher: Sat Sahitya Prakashan
- Genre: Fiction
- Pages: 248
विक्रमशिला का इतिहास लेखक परशुराम ठाकुर ब्रह्मवादी द्वारा शोधित एवं लिखित ऐतिहासिक ग्रंथ है। यह ग्रंथ प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित है। इस ग्रंथ में विक्रमशिला विश्वविद्यालय सहित प्राचीन सभ्यता और संस्कृति का प्रमाणिक वर्णन देखने को मिलता है। ग्रंथ के मुख्य पृष्ठ पर यह कहा गया है कि ” पुरातत्व की खोज और पहचान विश्व इतिहास को आश्चर्यचकित कर सकते है। विक्रमशिला के पुरावशेषों का ऐतिहासिक, भौगोलिक, भूगर्भिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन करने से अरबों वर्षों का इतिहास सामने आया है जो हड़प्पा , सिंधु ,सुमेरु, सुर ,असुर , देव, गंधर्व, नाग, कोलविंध्वंशी , शिव, इंद्र , राम, कृष्ण, आर्या देवी सभ्यताओं एवं संस्कृति के साथ साथ विश्व विकास के मूल इतिहास का प्रमाणिक साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं।
विक्रमशिला खुदाई स्थल से प्राप्त पुरातात्विक सामाग्रियों में कांस्य मूर्तियां, मृदभांड,स्तंभ, मुहरें, मृण मूर्तियां, आदि के अतिरिक्त हजारों किस्म की प्रस्तर कला भवन निर्माण कला,लोहा, तांबा, सोना, चांदी, विभिन्न पशुओं की अस्थियां , नवरत्न की माला, मातृदेवी, शिवयोगी के विभिन्न रुप, विष्णु, वरुण, ब्रह्मा, कृष्ण, राम, संदीपनी मुनि, आदि बुद्ध, तारा, वृहस्पति, पुरुरवा, उर्वशी आदि की प्रतिमाएं मिली हैं जो हिमयुग की सभ्यता संस्कृति से लेकर वैदिक युग , रामायण युग ,महाभारत युग, सिद्धार्थ बुद्ध तक के साक्ष्य प्रस्तुत करती है। विक्रमादित्य की राजधानी का ऐतिहासिक दस्तावेज “बत्तीसी आसन” अभी भी यहां अवशेष के रूप में मौजूद है।
ग्रंथ विक्रमशिला का इतिहास प्राचीन बिहार की सभ्यता संस्कृति का इतिहास ही नहीं है, बल्कि विश्व इतिहास को भी एक नई दृष्टि देने में समर्थ है।
परशुराम ब्रह्मवादी
सद्स्य- भारतीय इतिहास कांग्रेस , नई दिल्ली । लाईब्रेरी अॉफ कांग्रेस , अमेरिका । प्रकाशित ग्रंथ- सृष्टि का मूल इतिहास (1996) इतिहास को एक नई दिशा(2001) अंगिका भाषा: उदभव और विकास (1994-95) प्राचीन बिहार की शिक्षा संस्कृति का इतिहास (2008) मूल भाषा विज्ञान -वेदों की भाषा और लिपि(2009) आर्य संस्कृति का उदगम एवम विकास (2012) विक्रमशिला का इतिहास (2013) आर्यो का मूल क्षेत्र: अंगदेश (2014-2015) मंदार: जहाँ से प्रकट हुई गंगा(2015). मौलिक खोज- आर्यो का मूल स्थान, वेदो की निर्माणस्थली , सरस्वती नदी की खोज, रावण की लंका की खोज, मूल द्वारिका की खोज, आदि सृष्टि का मूल क्षेत्र। नोट:- राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ में सैकडो शोध मान्यताएँ प्रकाशित ।
Related
Location
Share This Ad
Contact Owner
You must be logged in to inquire about this ad.
Popular Ads Overall
- Book – आर्यो का मूल क्षेत्र: अंगदेश (Aryon Ka Mool Kshetra: Angdesh) – Acharya Parshuram Thakur Brahamavadi (15769 views)
- Wanted – Part Time Admin (3775 views)
- Manjusha Painting on Handmade Paper (3761 views)
- Bhagalpur 3d Rendering Services for Apartment 104# (3679 views)
- Chitrashala (3219 views)
- Book – विक्रमशिला का इतिहास – परशुराम ब्रह्मवादी (3078 views)
- Wanted – Data Entry Executive (2958 views)
- Khagaria 3d Rendering Services for Apartment 104# (2792 views)
- Wanted – Order Process Executive (2720 views)
- Stylo Tailor, Sultanganj (2664 views)
Latest Emergency Helpline
- G-98VDQLGFMSSultanganjSultanganj094312 92949Banka094310 90002Banka06424 222 251Banka089698 48135
Sold Ads
Comments