केन्द्र को कौन बताए कि अंगिका व्युत्पन्न भाषा नहीं है – डॉ. अमरेन्द्र

वर्षों पहले केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने संविधान की अष्टम सूची में अंगिका, छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, नागपुरी, मगही, लेप्चा, कुमाऊँनी, पहाड़ी और पाली को शामिल करने में दिक्कतें बताते हुए सीताकांत महापात्र समिति की रपट का हवाला दिया और कहा कि समिति की रपट में यह कहा गया है कि संविधान की अष्टम सूची के लिए हर राज्य से एक भाषा होनी चाहिए और वह आबादी के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हो । भाषा राज्य की स्वतंत्र भाषा होनी चाहिए, व्युत्पन्न भाषा या बोली नहीं । भाषा का उच्चस्तरीय या सुपरिभाषित साहित्य होना चाहिए । महापात्र समिति की रिपोर्ट गलत नहीं है लेकिन रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार ही क्या संविधान की अष्टम सूची में भाषाओं को स्थान मिला है, वे महापात्र रिपोर्ट की शर्तों को पूरा करती हैं याकि उन्होंने सूची में शामिल होने के बाद ही अपनी उच्चस्तरीय और सुपरिभाषित होने का परिचय नहीं दिया । इस संबंध में विशेष बातें नहीं कर यहाँ सिर्फ अंगिका भाषा के संबंध में, कुछ उल्लेख करना चाहूँगा । अंगिका आजादी के बाद के अंग प्रदेश के निर्धारित भू…
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अंगिका भाषा एवं साहित्य का इतिहास – History of Angika Language & Literature – by Jasim Uddin

Angika is a language of the Anga region of India, a 58,000 km² area that falls within the states of Bihar, Jharkhand and Bengal

Angika Literature dates back to at least the 7th century and may be divided into three main periods:ancient,medieval, andmodern.

The different periods may be dated as follows: ancient period from 650-1200, medieval period from 1200-1800, and the modern period from 1800 to the present. The medieval period may again be divided into three periods: early medieval-also known as the period of transition- from 1200-1350; high medieval from 1350-1700, including the pre-Chaitanya period from 1350-1500 and the Chaitanya period from 1500-1700; and late medieval from 1700-1800. The modern period begins in 1800 and can again be divided into six phases: the era of prose from 1800-1860, the era of development from 1860-1900, the phase of rabindranath tagore (1861-1941) from 1890-1930, the post-Rabindranath phase from 1930 to 1947, t…

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अंगिका साहित्य (Angika Literature – An Overview)

केवल लिखित साहित्य को ही आधार मानें तो अंगिका भाषा में साहित्य निर्माण की समृध्द परम्परा प्राचीन काल से ही सतत रूप से जारी है, जो प्रामाणिक रूप से पिछले तेरह सौ वर्षों के कालखंडों में बिखरा पड़ा है. महापंडित राहुल सांकृत्यायन के अनुसार हिन्दी भाषा के लिखित साहित्य का प्राचीनतम स्वरूप ‘अंग’ के प्राचीन सिध्द कवि ‘सरह’ की आठवी सदी में लिखी अंगिका-अपभ्रंश भाषा की रचनाओं में उपलब्ध है. अगर वैदिक संस्कृत में सृजित साहित्य के प्रारंभिक वर्षों को भारतीय भाषाओं में साहित्य लेखन की शुरूआत मानी जाय तो ‘अंगिका’ भाषा में साहित्य निर्माण का कार्य आज से चार हजार वर्ष पूर्व शुरू हो चुका था. अंगिका में लिखित एवं अलिखित दोनों ही तरह के साहित्य प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं. आज की स्थिति यह है कि अंगिका भाषा का अपना वेब पोर्टल अंगिका.कॉम बर्ष 2003 से अस्तित्व में हैं. साथ ही अंगिका भाषा में गुगल.क़ॉम जैसा विश्व के अव्वल दर्जे का सर्च इंजन भी बर्ष 2004 से उपलब्ध है. किसी भी विकसित भाषा की उत्कृष्टता का पैमाना बन चुके इन सुविधाओं से लैस होकर इंटरनेट क्रांति के इस युग में अंगिका भारत ही नहीं विशव की…
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अंग लिपि (Anga Script)

Anga Lipi (अंगलिपि) is a historical writing system or script of the Anga region of India. Anga referred to a region in what is now Bihar, Jharkhand, West Bengal states of India, and Lipi meant script. Anga Script is mentioned in an ancient Sanskrit language Buddhist book “Lalitvistar” (ललितविस्तर), which says Anga Lipi was one of the most important scripts among 64 other scripts of that time. The script was specific to the Anga region, or Anga Mahajanapada, and was among those known to Buddha.The script was mentioned as the fourth most important script of Ancient India, and was used to write Anga Desh-Apbhramsa or Aangi, now Angika, around 600 BC. Some of the sixty four scripts mentioned in “Lalitvistar” were mythical, but some, including Dravid, Anga and Banga, were real. Characteristics & Comparison Anga Lipi and Banga Lipi might have been derived from Brahmic, with some regional characteristics. This supports the belief that the development of local characteristics in…
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अंगिका भाषा (Angika – The Language of Anga)

Angika (अंगिका) is a language spoken in Eastern Part of Bihar, Santhal Praganas of Jharkhand and Maldah District of West Bengal. Angika is an Indo-Aryan of the Anga region of India, a 58,000 km2 area approx. that falls within the states of Bihar, Jharkhand and West Bengal. Angika is spoken in most of the Metros of India like Mumbai, Delhi, Calcutta, and Bangalore, most of the industrial cities of India like Durgapur, Vadodara, Surat, Patna, Ranchi, Jamshedpur, Bokaro and other parts of the country. Besides India, Angika is also spoken in Terai region of Nepal, Cambodia, Vietnam, Laos, Malaysia, and other Southeast Asian countries.  A sizable Angika speaking population migrated in other countries such as the Gulf, United States and the United Kingdom. Angika is spoken by more than 30 million of the Indian population ((As per 2001 Census and as per the statement given in Indian Parliament by Shri Subodh Roy Member of Parliament of India which is available in PARLIAMENTRY PROCE…
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