भागलपुर। सदर, अनुमंडल एवं प्रखंड अस्पताल पर बने टेली मेडिसिन सेंटर पर बैठकर टेली मेडिसिन के जरिये इलाज की अनिवार्यता से डॉक्टरों को मुक्ति मिल गयी है। नये आदेश के तहत अब अस्पताल में जहां भी डॉक्टर रहेगा, वहीं से वह टेली मेडिसिन के जरिये दूर बैठे मरीजों का इलाज व जांच-दवा आदि को लेकर जरूरी सलाह दे सकेगा। इसके लिए टेली मेडिसिन सेंटर पर पहुंचना अनिवार्य नहीं होगा।
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने बिहार के सभी सिविल सर्जन को लिखे पत्र में कहा है कि अब तक दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को इ-संजीवनी व हब एवं स्पोक्स माडल पर चिकित्सकीय परामर्श दिया जा रहा है। एक तो वैसे ही पूरे बिहार के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। 21 फरवरी 2021 से बिहार के सभी जिलों में टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गयी थी। हब में पंजीकृत चिकित्सकों का जब डॉटा खंगाला गया तो पता चला कि हब में पंजीकृत 53 प्रतिशत डॉक्टर ही इ-संजीवनी ओपीडी में लाग-इन कर रहे हैं। बार-बार शिकायत मिल रही है कि इ-संजीवनी ओपीडी के दौरान बार-बार फोन करने के बावजूद डॉक्टर फोन नहीं उठा…