कन्हैया स्थान, राजमहल (Kanhaiya Asthan) – Rajmahal

Kanhaiya Sthan (Iskcon Temple), Rajmahal

साहिबगंज जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर दूर गंगा के तट पर स्थित कन्हैयास्थान का नाम देश ही नहीं विदेशों तक है। कृष्णभक्त इसे भगवान श्रीकृष्ण की लीला स्थली मानते हैं। कहा जाता है कि प्राचीनकाल में यहां भगवान श्रीकृष्ण ने वैष्णव धर्म के प्रचारक श्रीचैतन्य महाप्रभु को बाल रूप का दर्शन दिए थे। हिंदू धर्म ग्रंथ श्रीचैतन्य चरितामृत के अनुसार 1505 इस्वी में श्रीचैतन्य महाप्रभु बिहार के गया से अपने घर नवदीप लौटने के क्रम में यहां रुके थे। गया वे अपने माता पिता के पिडदान के लिए गए थे। प्रेम विलास नामक पुस्तक के अनुसार 1505 ईसवी में यहां भव्य मंदिर था जिसमें राधा-कृष्ण की प्रतिमा स्थापित थी। उसी मंदिर में श्रीचैतन्य महाप्रभु को मोर मुकुट धारण किए भगवान श्री कृष्ण ने अपने बाल रूप का दर्शन दिया। श्रीकृष्ण के बाल रूप को देख श्रीचैतन्य महाप्रभु भावविभोर हो गए और उनसे भावविह्वल होकर आलिगनबद्ध हो गए। कहा जाता है कि इससे पूर्व द्वापर युग में भी श्रीकृष्ण एक बार यहां आए थे। ग्रंथों के अनुसार एक बार भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ महारास कर रहे थे। इस …

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