आज से मायागंज अस्पताल के आईसीयू में ड्यूटी नहीं करेंगे पीजी छात्र;

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केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के छोटे भाई सह वायु सेना के रिटायर अधिकारी निर्मल चौबे की मौत मामले में पीजी छात्र व जूनियर डॉक्टर काे सस्पेंड करने का मामला गरमा गया है। अस्पताल प्रशासन की कार्रवाई से नाराज मेडिसिन विभाग के पीजी इंचार्जाें ने अपने सभी 24 छात्राें काे आईसीयू की ड्यूटी से हटाने का निर्णय लिया है। साेमवार से वे लाेग आईसीयू में काम नहीं करेंगे।

आईसीयू की जिम्मेदारी एनेस्थेटिक की हाेती है : डाॅ. राजकमल
मेडिसिन विभाग के एसाेसिएट प्राेफेसर डाॅ. राजकमल चाैधरी ने कहा है कि अस्पताल प्रशासन का निर्णय गलत है। इसका हमलाेग विराेध करते हैं। आईसीयू में पीजी छात्र सपाेर्ट के लिए काम करते हैं। वहां की पूरी जिम्मेदारी एनेस्थेटिक की हाेती है। एक्शन ताे इवनिंग शिफ्ट में तैनात सीनियर रेजीडेंट या असिस्टेंट प्रोफेसर पर लेना चाहिए था। 30 जनवरी से मेडिसिन पीजी के छात्र आईसीयू ड्यूटी पर नहीं जाएंगे।

इसकी सूचना अस्पताल के साेशल मीडिया ग्रुप में दे दी है। वहीं अस्पताल अधीक्षक काे परिजनाें व राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा बंधक बनाने जैसे शब्द के इस्तेमाल काे लेकर भी डाॅक्टराें ने ऐतराज जताया है। दूसरी ओर निर्मल चाैबे के पुत्र नितेश चाैबे ने बताया कि पूरे घटना का वीडियाे फुटेज पुलिस-प्रशासन काे साैंपेंगे। पिता के इलाज में कहां-कहां लापरवाही हुई, सब कुछ नजराें के सामने है। बता दें कि शुक्रवार की शाम निर्मल चाैबे की आईसीयू में माैत के बाद हंगामा हुआ था।

एचओडी ने कहा-छात्र को सस्पेंड करना गलत

पीजी छात्र को सस्पेंड किए जाने पर मेडिसिन व एफएमटी विभाग के एचओडी ने भी विराेध जताया है। मेडिसिन के डाॅक्टराें का तर्क है कि आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीज को जीवन रक्षक उपकरण के इस्तेमाल की जिम्मेदारी एनेस्थेटिक की होती है। पीजी छात्र तो उनकी मदद के लिए होते हैं। ऐसे में अगर सस्पेंड करना था तो एनेस्थेटिक को करना चाहिए था।

एफएमटी विभाग के एचओडी डॉ. संदीप लाल ने कहा कि पीजी छात्र को सस्पेंड करने का नया ट्रेंड गलत है। इससे गुरु और शिष्य के बीच विश्वास की कड़ी कमजोर होगी। इसके लिए एचओडी जिम्मेदार हाेते हैं। नैतिकता के आधार पर इसकी जिम्मेदारी उन्हें खुद लेनी चाहिए। कार्रवाई वरीय चिकित्सक पर हाेनी चाहिए थी।

इस मुद्दे पर डाॅक्टराें से करेंगे बात
^आईसीयू में मरीज की माैत मामले में सभी एचओडी ने जाे निर्णय लिया है, उसमें बंधक बनाने जैसे शब्द के इस्तेमाल काे लेकर भी एेतराज जताया है। इसके अलावा ड्यूटी से पीजी छात्र को हटाए जाने के मुद्दे पर अलग से बात की जाएगी।-डॉ. असीम कुमार दास, अधीक्षक