टीएमबीयू का अंबेडकर विचार एवं समाजकार्य विभाग देश का ऐसा अकेला संस्थान हैं जहां संविधान निर्माता बाबा साहब डाॅ. भीमराव अंबेडकर के विचाराें की पढ़ाई पीजी के स्तर पर हाेती है। विवि में जब बापू महात्मा गांधी के विचाराें की पढ़ाई के लिए गांधी विचार विभाग खुला ताे इसके करीब 20 साल बाद वर्ष 2002 में अंबेडकर विचार विभाग एवं समाजकार्य विभाग की नींव इसी साेच के साथ रखी गई कि राष्ट्र निर्माण के प्रमुख सूत्रधाराें में महात्मा गांधी के साथ शामिल डाॅ. अंबेडकर के विचार और संविधान का प्रचार-प्रसार छात्राें तक हाे। इसी विभाग में नाइट गार्ड की ड्यूटी करने वाले कमल किशाेर मंडल अब शिक्षक बन कर यहीं पढ़ा रहे हैं।
लंबे समय तक इस विभाग के हेड रहे प्राे. विलक्षण रविदास ने कहा कि तत्कालीन वीसी डाॅ. राम आश्रय यादव काे जब इस विभाग काे खाेलने का प्रस्ताव दिया गया ताे वह तुरंत तैयार हाे गए। फिर विभाग खाेलने की औपचारिकताएं पूरी की गईं। तब विभाग के लिए अपना काेई भवन नहीं था। डाॅ. यादव ने इसे टील्हा काेठी स्थित रवीन्द्र भवन में खाेलने की याेजना बनाई। लेकिन प्राे. रविदास सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुझाव दिया कि ओल्ड पीजी कैंपस के पास एक कैंटीन बेकार पड़ी है, विभाग उसी में खाेला जाए। यही हुआ। बाद में इसके 2 कमरे और बने। करीब 20 वर्षाें तक यहां दूसरे विषयाें के शिक्षक पढ़ाते रहे व दूसरे विभागाें के हेड इसके प्रभारी हेड बनते रहे थे।
विभाग काे मिले हैं नियमित शिक्षक, अब शाेध पर ज्यादा हाेगा काम
इसी विभाग में नाइट गार्ड की ड्यूटी करते हुए कमल किशाेर मंडल ने पीजी किया। फिर पीएचडी भी किया। 2018 में पाॅलिटिकल साइंस से नेट पास किया। अब वह इसी विभाग में विवि सेवा आयाेग से चयनित असिस्टेंट प्राेफेसर हैं। उनके साथ 3 और असिस्टेंट प्राेफेसर हैं। हालांकि विभाग ने 7 पद मांगे थे, लेकिन रेशनलाइजेशन के तहत 4 ही पद मिले।
प्राे. रविदास ने बताया कि देश में यह अकेला विभाग है जहां अंबेडकर विचार की पढ़ाई पीजी के स्तर पर हाेती है। दूसरी जगहों पर रिसर्च सेंटर हैं या स्नातक स्तर की पढ़ाई हाेती है। चूंकि लंबे समय तक नियमित शिक्षक नहीं रहे, इसलिए शाेध पर कम काम हुआ है। अब नियमित शिक्षक आ गए हैं ताे इस पर और काम हाेगा।