अधिकारियों की लापरवाही:निगम ने स्वच्छता के लिए बनाया ऐप, पर एक साल पहले की शिकायतों का भी निपटारा नहीं;

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शहर काे स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम ने स्वच्छता ऐप बनाया। इसमें यह व्यवस्था की कि लाेगाें काे शहर में जहां भी गंदगी दिखे या अन्य तरह की परेशानी हाे ताे उसकी तस्वीर डालकर शिकायत करें। इसका तुरंत निपटारा हाेगा। निपटारे के बाद निगम भी संबंधित तस्वीर उस पर अपलाेड करेगा। लेकिन हालत यह है कि एक साल पहले भेजी गई शिकायत पर भी संज्ञान नहीं लिया गया है। ऐप पर वह समस्या अब भी एक्टिव है, लेकिन वास्तव में यह समस्या अब खत्म हाे गयी है।

निगम की इस व्यवस्था पर लाेगाें का भराेसा इतना टूट गया है कि पिछले पांच माह से उस पर एक भी शिकायत नहीं आयी है। निगम ने भी ऐप काे खाेलकर नहीं देखा है। वजह साफ है कि जब शिकायत करने के बाद भी निदान नहीं हाे ताे तकनीक के इस्तेमाल करने से क्या लाभ। यही कारण है कि लाेग अब इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। निगम के इस एप पर करीब साै से ज्यादा शिकायतें आईं, लेकिन केवल 54 का ही निपटारा हुआ।

स्वच्छता सर्वेक्षण काे लेकर शहर में केंद्रीय टीम के आने से पहले तक ताे यह ठीक चला। इसकी निगरानी के लिए एक ऑपरेटर सुबाेध सिंह की ड्यूटी लगायी गई, लेकिन जैसे ही टीम का निरीक्षण खत्म हुआ। ऑपरेटर काे भी काम से हटा लिया गया। निगम के जिम्मेदाराें काे यह भी पता नहीं कि अब उसपर कितनी शिकायतें आयी हैं। अब इसी माह फिर केंद्रीय टीम के आने की संभावना है ताे निगम दिखावे के लिए एप से माॅनिटरिंग शुरू करेगा।

तीन प्रभारी बदले लेकिन समस्या बनी रही

एक साल के अंदर शहर की सफाई व्यवस्था में बदलाव के नाम पर सिर्फ तीन प्रभारी बदले गए। अब चाैथे शाखा प्रभारी काे यहां की कमान दी गयी है। जबकि जाेनल प्रभारियाें के बीच भी बदलाव किए गए। अब दाे पुराने जाेनल प्रभारी हैं और दाे साल भर पहले बनाए गए कर्मचारी के पास इसकी कमान है। नए प्रभारी आदित्य जायसवाल ने बताया कि स्वच्छता एप अगर काम नहीं कर रहा है ताे इसे चालू कराएंगे।

ये दाे उदाहरण बता रहे कि कितने लापरवाह हैं अधिकारी

1. तिलकामांझी थाने के सामने पुरानी गाड़ियाें काे रखने से जाम लगता था। आईडी नंबर Wo3000C26636593 से एक साल पहले इसकी शिकायत ऐप के माध्यम से की गई। अब वहां से पुरानी गाड़ियाें काे हटा लिया गया है। राेड भी चाैड़ा हाे गया है। लेकिन निगम के जिम्मेदाराें ने उस पर क्या एक्शन लिया, वह पता नहीं चल पा रहा है। ऐप पर वह फाेटाे अब भी एक्टिव दिख रहा है।

2. एक अन्य शिकायत आईडी नंबर Wo3000C26627170 से है। यह तस्वीर माणिक सरकार वार्ड 22 के राय बाड़ी लेन की है। इसमें माेहल्ले के व्यक्ति ने शिकायत की है कि सड़क के आधे हिस्से में कूड़ा पसरा हुआ है। डस्टबिन उल्टा पड़ा है। उसमें पशु-पक्षी अपने लिए चारा ढूंढ़ रहे हैं। अब इस जगह से डस्टबिन हटा लिया गया है। हालांकि राेड पर कचरा रहता है। लेकिन निगम ने इस शिकायत पर क्या कार्रवाई की, इसकी काेई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

लापरवाही की करेंगे जांच

केंद्रीय टीम के आने से पहले जाे स्वच्छता एप बनाया गया था। इसकी जांच करेंगे कि इसके माध्यम से माॅनिटरिंग क्याें नहीं हाे रही है। इसके लिए किसी की जिम्मेदारी तय करेंगे। किस कारण से यह लापरवाही हुई है, संबंधित कर्मचारी से पूछताछ करेंगे। -अभिनव कुमार, उप नगर आयुक्त