भाेलानाथ फ्लाईओवर के निर्माण के लिए मार्च के पहले सप्ताह में एजेंसी का चयन हाे जाएगा। इसके लिए पुल निर्माण निगम के स्तर पर पहल तेज हाे गई है। अप्रैल से काम भी शुरू हाे सकता है। फ्लाईओवर और उसके पहुंच पथ के लिए जमीन अधिग्रहण भी किया जाएगा। आकलन किया जा रहा है कि कितनी अतिरिक्त जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव की फाइल जिला भू-अर्जन कार्यालय काे भेजी जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि 15 दिन के अंदर भू-अर्जन की प्रक्रिया भी तेज हाे जाएगी।
पहुंच पथ के लिए ड्राइंग रिजेक्ट नहीं हुआ है
पुल निर्माण निगम के सीनियर प्राेजेक्ट इंजीनियर श्रीकांत शर्मा ने बताया कि संभावना है कि अगले सप्ताह भाेलानाथ फ्लाईओवर के निर्माण के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया पूरी हाे जाएगी। भू-अर्जन के लिए आकलन चल रहा है। उन्हाेंने बताया कि फ्लाईओवर के पहुंच पथ के लिए ड्राइंग रिजेक्ट नहीं हुआ है और न ही विभाग से इससे संबंधित दिशा-निर्देश मिला है।
बता दें कि हाल में ही सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के दाैरान भागलपुर आए थे और उन्हाेंने इसकी समीक्षा भी की थी, जिसमें विभाग के सचिव ने जानकारी दी थी कि मार्च से इस दिशा में तेजी से काम हाेगा। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विनाेद कुमार ने बताया कि भाेलानाथ फ्लाईओवर के लिए जमीन अधिग्रहण काे अब तक काेई प्रस्ताव नहीं मिला है। जब प्रस्ताव मिलेगा, ताे इस दिशा में पहल की जाएगी।
1110 मीटर लंबा फ्लाईओवर 117 कराेड़ रुपए से बनेगा
बता दें कि 1110 मीटर लंबा फ्लाईओवर बनेगा और इसकी ऊंचाई 7.5 मीटर हाेगी। 117 कराेड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण किया जाना है। इसके लिए वहां से अतिक्रमण भी हटाया गया है। कुछ लाेगाें ने ही खुद ही अतिक्रमित जगह खाली कर दी है। जिन लाेगाें ने अतिक्रमण किया है, उनलाेगाें काे नाेटिस भी दिया जा चुका है। करीब 35 अतिक्रमणकारियाें काे पूर्व में नाेटिस जारी किया गया है।