राजभवन से नियुक्त के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के कुलपति प्रो. डॉ. जवाहर लाल ने मंगलवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुंचे और अपना कार्यभार संभाला। राजभवन ने 22 अगस्त को टीएमबीयू के कुलपति के पद पर उनकी नियुक्ति सम्बन्धी अधिसूचना जारी की थी। राजभवन से अधिसूचना जारी होने के बाद उन्होंने कुलपति के पद पर मंगलवार की दोपहर 2.30 बजे अपना योगदान दिया।
शिक्षकों की कमी वाले तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में राजभवन के आदेश से तीन सालों के लिए प्रो. डा. जवाहर लाल के रूप में स्थायी कुलपति मिल गया। इसी के साथ विश्वविद्यालय में दस माह बाद कुलपति कार्यालय की रौनक लौट आयी है। वहीं नये कुलपति के आने से अतिथि शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर होने वाले विषयवार साक्षात्कार का शेड्यूल जारी करने की आस जगी है। कुलपति के विश्वविद्यालय पहुंचने पर कुलसचिव डॉ गिरिजेश नंदन कुमार, प्रॉक्टर डॉ. प्रो. रतन मंडल, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अरुण कुमार सिंह, डीएसडब्ल्यू डॉ. राम प्रवेश सिंह ने उन्हें रिसीव किया और उन्हें कार्यालय ले गए। कार्यालय में विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कुलपति को बुके भेंट कर स्वागत किया।
टीएमबीयू के नए कुलपति प्रो. डॉ. जवाहर लाल ने कहा कि भी पेंडिंग कार्यों को तत्परता के साथ पूरा किया जाएगा। पेंशनधारियों, कर्मियों और छात्रों की समस्याओं के समाधान की दिशा में सार्थक और ठोस पहल की जाएगी। अब कोई भी कार्य पेंडिंग नहीं रहेगा। समय पर कार्यों का निष्पादन होगा। चाहे दिन में हो या रात में होगा सभी कामों को जल्द पूरा किया जाएगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मियों के समन्वय, सहयोग और समेकित प्रयास से वे विश्वविद्यालय की समस्याओं का निराकरण करेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी काम का समाधान टीएमबीयू में ही होगा। कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लीगल सेक्सन को मजबूत किया जाएगा।
टीएमबीयू की कुछ समय के अंतराल में जो गरिमा गिरी है उसे दुरुस्त करेंगे। उन्होंने कहा कि स्नातक और पीजी का सत्र नियमित करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। समय पर परीक्षा लेकर समय पर रिजल्ट जारी किया जाएगा। उन्होंने कि सप्ताह, महीने में हर एक विभाग से मिलकर जानकारी ली जाएगी।
फटे हुए फाइल को कर्मचारी कर लें दुरुस्त, नहीं तो लौटा दी जाएगी फाइलें:
टीएमबीयू के नए कुलपति प्रो. डॉ. जवाहर लाल ने कहा कि कर्मचारी हो या अधिकारी सभी फटे हुए फाइलों को दुरुस्त कर लें। अगर फटी हुई या मुड़ी हुई फाइलें देखी गई तो कारर्वाई की जाएगी। इसलिए सभी विभागों के फाइलों को दुरुस्त कर लें।
कई सवाल पर टीएमबीयू के पदाधिकारी से जबाव किया तलब:
टीएमबीयू के नए कुलपति प्रो. डॉ. जवाहर लाल ने कई सवाल के जबाव पर टीएमबीयू के पदाधिकारी से पहले दिन ही जबाव तलब किया। परीक्षा नियंत्रक से पूछा गया किया कि आखिर मार्कसीट छात्रों को क्यों नहीं मिल रही है। इस पर उन्होंने कहा कि प्रेस में कागज नहीं है। इसके अलावा स्टोर में बहुत सारी कमियां है। इस पर कुलपति ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता परीक्षा है। कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को निर्देश दिया की छात्रों को कोई परेशानी नहीं आये। इसलिए परीक्षा से संबंधित सारी समस्य को जल्द दूर कर लें। इसके अलावा डीएसडब्ल्यू को निर्देश दिया गया कि वे छात्रावास की सारी समस्या को देखे। टीएमबीयू के इंजीनियरिंग शाखा को भी बुला कर छात्रावास के जजर्र भवन सहित चहारदिवारी के कामों की जानकाराी ली।
यें भी कहा:
– शिक्षकों के प्रमोशन की समस्या होगी दूर
-क्वालिटी एजुकेशन के लिए स्लेबस के स्तर को किया जाएगा ठीक
– सरकार के पैसे का सही किया जाएगा अप्डेट
-नेशनल एजुकेशन पालिसी को लाया जाएगा धारातल पर
– टीएमबीयू की अब नहीं होने देंगे बदनामी
– महिला व पुरुष छात्रावास की समस्या को किया जाएगा दूर
– छात्रावास के टूटे हुए दिवारी को किया जाएगा ठीक
– लालबाग कॉलोनी में सुरक्षा को किया जाएगा दुरुस्त
– छात्रावास में लगायें जाएंगे सीसीटीवी
– शोध को दिया जाएगा बढ़ावा
– ज्यादा से ज्यादा छात्र कक्षा करें इस पर रहेगा जोर
– शिक्षकों की कमी को किया जाएगा दूर
इन पर डालें नजर:
विवि के लिखित आश्वासन के बाद भी तीन बार टल चुकी साक्षात्कार की तिथि
पूर्व में साक्षात्कार का शेड्यूल जारी करने की मांग को लेकर कई बार संघर्षशील अतिथि शिक्षक संघ के शिक्षक अभ्यर्थी धरना पर बैठे, तब जाकर विवि प्रशासन के लिखित आश्वासन पर साक्षात्कार की तिथि विषयवार शेड्यूल के साथ घोषित की थी, लेकिन पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो.(डाॅ.) हनुमान प्रसाद पांडे दस माह से विवि मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय नहीं आए, जिसके कारण साक्षात्कार की तिथि तीन बार (21 अप्रैल 2022, 13 जुलाई 2022 एवं 25 अगस्त 2022) बढ़ा दी गयी।
शिक्षा विभाग ने भी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का दिया निर्देश
इसी बीच शिक्षा विभाग ने 21 जुन 2022 को पटना में हुई बैठक में सूबे के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का निर्देश दिया था, उस बैठक में टीएमबीयू की तरफ से प्रति कुलपति रमेश कुमार ने भाग लिया था। बावजूद इसके टीएमबीयू में अभी तक नये अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी है।
छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण करना हुआ मुश्किल
बता दें कि जिन छात्रों ने हाल में इंटर, स्नातक एवं स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने को लेकर कॉलेजों एवं पीजी विभागों में नामांकन कराया है। वहां उनके विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की घोर कमी है। ऐसे में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण करना मुश्किल हो रहा है। जबकि सूबे के पटना, पाटलिपुत्रा, दरभंगा विश्वविद्यालय में नये अतिथि शिक्षकों नियुक्ति हो चुकी है।
अभी तक नहीं बन पायी है चयन समिति:
टीएमबीयू में इस मामले की हकीकत यह है कि विभिन्न विषयों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कुलपति की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय चयन समिति भी अभी तक नहीं बन पायी है। नये कुलपति प्रो. डॉ. जवाहर लाल के आने से टीएमबीयू में शिक्षक की कमी कब तक दूर होती है? अब ये दखने वाली बात होगी।
अराजक स्थिति की दौर में था विश्वविद्यालय का कामकाज
बता दें कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में दस महीने से पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. डॉ. हनुमान प्रसाद पांडे विवि मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय में नहीं बैठ रहे थे। नतीजा प्रभारी कुलपति की बुलाहट पर विश्वविद्यालय के जरूरी प्रशासनिक कामकाजों को लेकर प्रति कुलपति रमेश कुमार संबंधित फाइलों को मुजफ्फरपुर लेकर जाते आते थे। यही काम कभी-कभी कुलसचिव को भी करना पड़ता था। इन सब के बीच छात्रों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों का संवाद पूरी तरह से पूर्व प्रभारी कुलपति से कट चुका था।