भैरवा तालाब के तैयार हो जाने के बाद उससे होने वाले आय का अधिकाधिक हिस्सा टीएमबीयू लेगा। इसको लेकर विवि में कमेटी बनाई जायेगी और यह कमेटी ही नगर निगम से भी बातचीत कर अपनी हिस्सेदारी को तय करेगा।
जानकारी हो कि भैरवा तालाब को लेकर विवि द्वारा पहले कमेटी बनाई गई थी, लेकिन उस कमेटी के अधिकतर सदस्य अभी कार्यरत नहीं हैं, ताकि वह भैरवा तालाब के संबंध में कोई निर्णय ले सकें। इसलिये पिछले दिनों हुई वित्त कमेटी की बैठक में कहा गया कि एक बार फिर से इसके लिये नई कमेटी गठित की जायेगी जो भैरवा तालाब से जुड़े मुद्दों पर कार्य करेगी। बैठक में कहा गया कि भैरवा तालाब की जमीन विश्वविद्यालय की है। इससे पहले भी विवि को टेंडर का सौ फीसदी आय होता था। भविष्य में भी इस आय को सुनिश्चित किया जायेगा। कमेटी नगर निगम से इस विषय में बात करेगा। भैरवा तालाब की जमीन पर होने वाला काम पूरा होने के बाद विवि इसका अधिकाधिक हिस्सा नगर निगम से लेगा। बैठक में कहा गया कि इसमें प्रयास होना चाहिये कि यहां से होने वाले आय का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा विवि को प्राप्त हो।
पहले मछली से होती थी आय
भैरवा तालाब में पहले मछली पालन के लिये टेंडर पर दिया जाता था। इस टेंडर से होने वाली आय विश्वविद्यालय को मिलती थी। कई वर्षों से यही हो रहा था। वहीं स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे यहां निर्माण कार्य के बाद यहां पर लगाये जाने वाले टिकट से प्राप्त होने वाले आय पर विवि प्रशासन कवायद कर रहा है।
बिजली से भी लेगा किराया
वित्त कमेटी की बैठक में कहा गया कि बिजली विभाग ने विवि को बिजली का बिल एक बड़ी राशि के रूप में भेजा है लेकिन खुद विवि की जमीन पर वर्षों से है लेकिन उसका किराया नहीं दे रहा है। इस संबंध में विवि विभाग से किराया वसूल करेगा।