एनएच 80 पर लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी लगभग 15 घंटे का महाजाम लगा रहा। इसको लेकर आम लोगों को खास कर छोटे वाहन चालकों को इस गर्मी व धूप में काफी परेशानी हुई। प्रचंड धूप में घंटों जाम में लोग वाहन के साथ फंसे रहे। जाम का यह आलम था कि पैदल चलने के लिए भी सड़क के किनारे उतरना पड़ रहा था। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चो को हुई। जाम में फंसे स्कूली बच्चों की स्कूल छूट गई। साथ ही जाम में फंसे होने के कारण बच्चों को अपने घर लौटने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। हालांकि कहलगांव क्षेत्र में करीब 11:30 बजे तक जाम की स्थिति रही, लेकिन घोघा, त्रिमुहान आदि में 3:00 बजे के बाद ही गाड़ी सरकना शुरू हुई।
ओवरलोड वाहनों के खराब होने से लगता है जाम:
जर्जर एनएच 80 पर चल रहे ओवरलोड भारी वाहनों तथा ट्रकों के खराब होने की वजह से जाम लगता है। सोमवार देर रात इंग्लिश फरका के पास ट्रक का गुल्ला टूट जाने की वजह से महाजाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। गुल्ला बीच सड़क पर टूट जाने के कारण बमुश्किल छोटी गाड़ियों का भी निकलना मुश्किल था। जर्जर एनएच पर क्षमता से तीन से चार गुना अधिक भार लेकर चल रहे ओवरलोड हाइवा के खराब होने का सिलसिला जारी है। प्रशासन की ओर से ओवरलोड पर लगाम नहीं लगने तथा ओवरलोड ट्रक खराब होने का के चलते जाम के स्थिति बनी ही रहती है।
एनएच पर देर रात से वनवे में ट्रकों की कतार लग गई:
ट्रकों के खराब होने की वजह से देर रात से ही वन वे ट्रक का काफिला लगा रहा। इसकी वजह से रुक-रुक कर जाम लगता रहा। जाम का आलम यह था की दो पहिया वाहन पर स्कूल छोड़ने गए अभिभावक को डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करने में 2 से 3 घंटा लग गए। अभिभावक संजय कुमार, त्रिवेणी कुमार, संदीप रुंगटा, भरत रुंगटा, अजय मंडल, छोटू पांडे आदि ने बताया कि स्कूल के टाइम में नो एंट्री का सही पालन नहीं होने की वजह से जाम लगता है। इससे स्कूली बच्चों को परेशानी झेलना पड़ रहा है। नो एंट्री का पालन नहीं करने पर अभिभावकों के द्वारा रोड जाम और आंदोलन किए जाने की बात कही।
इस संदर्भ में एसडीओ मधु कांत ने बताया कि नो एंट्री टूटने के बाद भारी वाहनों का काफिला 20 किलोमीटर तक लग जाता है। ट्रकों के खराब होने की वजह से जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। संबंधित थाना को निर्देश दिया गया है कि एनएच गश्ती कर खराब वाहनों को हटाने का प्रयास करे।