बीसीई में सोमवार से इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ऑफ राेबाेटिक्स साेसाइटी (इसराेज) ने ऑटाेनाॅमस और मैनुअल राेबाेटिक्स पर तीन दिवसीय वर्कशॉप शुरू की। छात्राें ने पहले दिन जाना कि ये दाेनाें तरह के राेबाेट क्या हाेते हैं और कैसे काम करते हैं। छात्राें ने तीन तरह के राेबाेट काे बनाने की तकनीक भी सीखी। छात्रों ने तीन तरह के रोबोट भी बनाए।
इनमें लाइन फॉलोइंग रोबोट, वाॅल फॉलोइंग रोबोट व एज अवॉइडिंग रोबोट शामिल हैं। फाइनल ईयर के छात्र वरुण सिंह ने बताया कि छात्राें काे कार्यशाला में आॅटोनोमस रोबोट और मैनुअल राेबाेट के बारे में भी बताया जा रहा है। छात्रों ने आरडीनो, माइक्रो कंट्रोलर और कई तरह के सेंसर व रोबोट के बारे में बारे सुना व जानकारी प्राप्त की।
जानिये किस राेबाेट की क्या है विशेषता
ऑटाेनाॅमस रोबोट- यह वैसा राेबाेट है जो उच्च स्तर की स्वायत्तता के साथ कार्य करता है। ये रोबोट आमतौर पर खुले वातावरण में कार्य करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं जिन्हें मानव पर्यवेक्षण की आवश्यकता नहीं होती है।
मैनुअल रोबोट- यह वैसा रोबोट है जिसे हम रिमोट कंट्रोल से चलाते हैं। ये राेबाेट कुछ स्विच और तार का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं।
लाइन फॉलोइंग रोबोट- एक सीधी कतार या लाइन में चलने वाले राेबाेट।
वाॅल फॉलोइंग रोबोट- इसे मिकी माउस भी कहते हैं। यह एरिना में छाेटे-छाेटे वाल काे फाॅलाे करके चलता है।
एज अवॉइडिंग रोबोट- जहां एज (किनारा) नहीं मिलता है ताे वहां टर्न ले लेता है।
बीसीई 27 से कर रहा इंटर कॉलेज टेकफेस्ट का आयोजन
बीसीई 27 फरवरी से इंटर कॉलेज टेकफेस्ट का भी आयोजन कर रहा है। इसके मद्देनजर यह वर्कशॉप काफी खास है। कार्यशाला का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. पुष्पलता, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के हेड सीपी सिंह, इलेक्ट्रिकल के हेड केएन राम, फिजिक्स के हेड रंजन कुमार मिश्रा और जीक्स लैब प्रा.लि. के मास्टर ट्रेनर अंशुल वर्मा व शिवम सक्सेना ने संयुक्त रूप से किया।
प्राचार्य ने बताया कि इस वर्कशॉप का उद्देश्य छात्रों को अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए प्रोत्साहित करना है। रोबोटिक्स की जानकारी छात्रों के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि इसमें छात्र कई तरह के कंसेप्ट काे प्रायाेगिक ताैर पर इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने छात्रों को बड़ी संख्या में वर्कशॉप का हिस्सा बनने और नए रोबोट बनाना सीखने के लिए प्राेत्साहित किया।