भागलपुर से इस बार 500 क्विंटल जर्दालू आम का निर्यात किया जाएगा। यह भरोसा जर्दालू आम उत्पादक किसानों ने डीएम को दिलाया। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) की मंगलवार को हुई कार्यशाला में जर्दालू आम के उत्पादन और उसके निर्यात को लेकर डीएम की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि जीआई टैग मिलने के बाद अब भागलपुर का मशहूर जर्दालू आम का निर्यात विदेशों में केंद्र सरकार के सहयोग से होने लगा है। पिछले साल यहां के जर्दालू का स्वाद लंदनवासियों ने चखा था। ऐसे में जर्दालू आम के उत्पादक किसानों को अब निर्यातक बनना चाहिए। डीएम ने आत्मा के पदाधिकारियों को कहा कि वे निर्यातकों से संपर्क कर इन किसानों से ऑनलाइन मीटिंग कराएं। ताकि ये पूरी प्रक्रिया से अवगत हो सकें। जर्दालू आम के बाजार व मांग की जानकारी मिलने पर किसान समय रहते इसकी तैयारी कर सकेंगे।
बैठक में डीएओ केके झा ने बताया कि इस बार कम से कम 100 जर्दालू आम उत्पादक किसानों का एपीईडीए के फार्म रजिस्ट्रेशन एप पर निबंधन का लक्ष्य मिला है। अब तक 27 किसानों ने इस एप पर रजिस्ट्रेशन कराया है। इस पर डीएम ने इन निबंधित किसानों का जियो टैगिंग एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया। डीएम ने निर्यात के लिए मूलभूत सुविधाएं कुलिंग चैंबर, पैक हाउस आदि के लिए बीएयू के कुलपति से बात करने को कहा। इसके लिए डीएओ और बीएयू के उद्यान विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय सहाय को अधिकृत किया गया।
डीएओ ने बताया कि किसानों को कीट व्याधि प्रबंधन के लिए फेरोमन ट्रेप का वितरण किया गया है। बैठक में आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि एपीईडीए के सहयोग से किसानों को फ्रूट केप, फ्रूट कटर, बॉक्स आदि उपलब्ध कराया जाएगा। इससे पहले जर्दालू आम के विपणन के लिए डीडीसी व कृषि विभाग की टीम की सराहना की।