ऐश डाईक में दूसरे दिन भी हडताल जारी, बंद रहे सारे काम;

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एनटीपीसी कहलगांव के कुछ भू- विस्थपितों द्वारा मंगलवार को अपनी चार सूत्रीय मांगों  को लेकर हड़ताल बुधवार को भी जारी रही। भू- विस्थापित सीआईएसएफ बैरक के समीप ऐश डाईक पर धरना पर बैठे रहे। 

इन भू: विस्थापित संवेदकों को प्रबंधन द्वारा ऐश लोडिंग का कार्य दिया गया था। इन लोगों के द्वारा अलग अलग कमेटियां बनाकर लोडिंग का कार्य शुरू भी किया था। दूसरी ओर राष्ट्रीय राज्य मार्गों के निर्माण हेतू ऐश ढुलाई के संबद्ध वाहन मालिकों का कहना है कि इस भू-विस्थापित गुट से लगभग एक वर्ष पूर्व हुए समझौते के दौरान अघोषित रूप से प्रति ट्रीप 175 रुपये प्रति ट्रीप वसूली का कार्य उक्त भू-विस्थापित द्वारा किया जा रहा था। ट्रांसपोर्टरो का मानना है कि उक्त राशि कि उगाही हेतू राख उड़ने व अन्य मुददो को मामला बनाकर यह हडताल कि गई है।

एनटीपीसी के स्थापनाकाल में भू- विस्थापितों की संख्या लगभग 3200 से अधिक रही है। जबकि कई अन्य भू- विस्थापितों का कहना है कि यदि भू- विस्थापितों के नाम पर उगाही हो रही है तो उक्त राशि को सभी भू-विस्थापितों के बीच बंटनी चाहिए। अनुमान के मुताविक ऐश डाईक से प्रतिदिन लगभग 400 से 500 गाड़ियां प्रतिदिन राख लेकर निकलती है। लगभग दो माह पूर्व भागलपुर जिला ट्रक आनर्स ऐशोसिएसन की शिकायत पर एसएसपी द्वारा कहलगांव एसडीपीओ को इस वसूली के वावत जांच  की जिम्मेदारी दी गई थी।

भू विस्थापित गैरकानूनी ढंग से एस डाइक में आंदोलन कर विद्युत उत्पादन को कर रहे प्रभावित

 कहलगांव। संवाद सूत्र 

 भू -विस्थापित के एक समूह द्वारा एनटीपीसी के ऐश डाइक में मंगलवार से किए जा रहे आंदोलन को लेकर एनटीपीसी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि    एनटीपीसी कहलगांव के भू- विस्थापितों के एक समूह द्वारा मंगलवार को ऐश डाईक में अवैध रूप से हड़ताल की जा रही है । ऐश डाईक से राष्ट्रीय राज्यमार्गो के लिए होने वाली राख ढुलाई सहित एस डाईक में कार्यरत सभी मेंटेनेंस के कार्यों को भी बंद करा दिया गया है। भू-विस्थपितों ने 24 जुलाई को मुख्य महाप्रबंधक एनटीपीसी को इस आशय का पत्र भेजा था। अपने पत्र में भू विस्थापितों द्वारा राख ढुलाई से प्रदूषण तथा नाला की चौड़ाई बरकरार रखने को मुद्दा बनाया था। 

शांतिपूर्वक समाधान हेतु एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा बातचीत हेतु आमंत्रित किया गया, किन्तु आंदोलन कर रहे लोगों द्वारा इस बातचीत में हिस्सा नहीं लिया। प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा भी वार्ता के लिए बुलाया गया।आंदोलन कर रहे लोंगों ने हिस्सा नहीं लिया ।