जल्द शुुरु होगा निर्माण:सुल्तानगंज में जुलाई तक बन जाएगा जिले का पहला पैक हाउस, कृषि उत्पाद को बाहर भेजने में होगी सुविधा;

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जिले का पहला पैक हाउस सुल्तानगंज प्रखंड के आभा रतनपुर गांव में बनेगा। यह जुलाई तक बनकर तैयार हाे जाएगा। इससे जिले के आम और सब्जी उत्पादकाें काे अपना उत्पाद बाहर भेजने में सुविधा हाेगी। यहां उत्पाद काे साफ कर उचित तापमान पर रखा जाएगा। उसे बेहतर ढंग से पैक कर बाहर भेजा जाएगा। इससे किसानाें काे अपनी उपज का बेहतर दाम मिलेगा। अभी किसानाें काे उत्पाद की पैकिंग लखनऊ व कोलकाता में करानी पड़ती है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) और निजी एजेंसी पफ ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड मिलकर पैक हाउस बनाएंगे।

पफ ग्लोबल के मैनेजिंग डायरेक्टर सुब्रतो घोष ने बताया कि मार्च के अंतिम सप्ताह में आभा रतनपुर में पैक हाउस का निर्माण शुरू होगा। चार माह में यह बनकर तैयार हाे जाएगा। यह पैक हाउस कंप्यूटराइज हाेगा। नक्शा तैयार है। 2 करोड़ 45 लाख की लागत से काम हाेगा। इसमें दो कोल्ड स्टोरेज हाेंगे। 63 टन उत्पाद रखने की क्षमता हाेगी। भारत सरकार की संस्था एपीडा 75 प्रतिशत और पफ ग्लोबल 25 प्रतिशत पैसा खर्च करेंगे। इसके लिए यूको बैक ने लोन की सहमति दी है।

सबसे अधिक सुविधा जर्दालु आम के निर्यात में हाेगी

पैक हाउस के निर्माण से किसानों को काफी सहूलियत होगी। अभी वे अपने बाहर भेजे जाने वाले उत्पाद काे लखनऊ के मलीहाबाद के रहमान खेड़ा स्थित पैक हाउस या कोलकाता ले जाते हैं। वहां से पैक कर उसे विदेश भेजा जाता है। अब यह काम सुल्तानगंज में ही हाे जाएगा। इससे किसानाें का पैसा बचेगा। सबसे अधिक फायदा जर्दालु अाम काे हाेगा।

पिछले साल साढ़े 4 टन जर्दालु भेजा गया था विदेश

जिले के जर्दालु आम उत्पादक कहलगांव के कृष्णानंद सिंह ने बताया कि उन्हाेंने पिछले साल साढ़े चार टन जर्दालु आम विदेश भेजा था। इनमें ढाई टन इंग्लैंड, एक-एक टन बेल्जियम व बहरीन भेजा था। पैक हाउस बनने से अब उन्हें काफी फायदा हाेगा। जून के पहले सप्ताह से जर्दालु तैयार हाेता है। 15 दिन तक यह बाहर भेजा जाता है।

क्या है पैक हाउस

पैक हाउस में फल व सब्जी जैसे उत्पाद की ठीक से धुलाई हाेती है। उसे उचित तापमान पर रखा जाता है, ताकि वे खराब न हाें। उसकी बेहतर ढंग से पैकेजिंग हाेती है। इसके बाद उसका निर्यात हाेता है। बेहतर पैकेजिंग से किसानाें काे उत्पाद का बेहतर दाम मिलता है।

पूरी हाे गई है कागजी प्रक्रिया

आभा रतनुपर में पैक हाउस बनाने के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब किसान उत्पाद की यहीं पर पैकिंग करा विदेश भेज सकेंगे। -प्रभात कुमार सिंह, उप निदेशक, आत्मा