टिशू कल्चर लैब में केला के पौधे तैयार होते देखा बच्चों ने;

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बिहार कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को होली फैमिली स्कूल के दसवीं के छात्र-छात्राओं ने शैक्षणिक भ्रमण किया। वहां कृषि तकनीक, कृषि का महत्व, संभावनाएं विभिन्न तरह की जानकारी प्राप्त की। इसी क्रम में डॉ एसके गुप्ता ने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के माध्यम से पशुओं के लिए हरे चारे के उत्पादन की वैज्ञानिक जानकारी दी। इसके बाद सभी बच्चों को टिशू कल्चर लैब ले जाया गया। जहां उन्हें इस तकनीक से तैयार रोग निरोधी केले के पौधे को दिखाया गया। टिशू कल्चर लैब में तैयार केले के पौधों को पॉलीहाउस में देखकर बच्चे काफी प्रसन्न हुए। वैज्ञानिकों ने बताया कि लैब में तैयार पौधों को पहले पॉलीहाउस में इसलिए रखा जाता है, ताकि वह बाहर के वातावरण को सहन कर सके। इसके बाद इसे किसानों के खेत में ले जाया जाता है।

फिल्ड से लेकर लैब का विजिट कराने के बाद सभी बच्चे विश्वविद्यालय के सभागार में पहुंचे। जहां उन्हें बीएयू मीडिया सेंटर द्वारा तैयार अनुसूचित जनजाति उपयोजना पर आधारित टेली फिल्म ‘उम्मीद ए होप दिखाया गया। इसके बाद बिहार कृषि कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसएन सिंह ने सभी बच्चों का स्वागत किया। बीएयू के कुलसचिव डॉ एसके पाठक ने स्कूली बच्चों को कृषि विश्वविद्यालय के अधीन कृषि शिक्षा में नामांकन के लिए तौर तरीकों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर निदेशक शोध डॉ पीके सिंह, कृषि अधिष्ठाता डॉ रेवती रमन सिंह आदि उपस्थित थे। होली फैमिली स्कूल प्रबंधन की सचिव सिस्टर बेट्टी ने शैक्षणिक भ्रमण में सहयोग के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार जताया