टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रखंड स्तर पर ट्रूनेट मशीन से टीबी मरीजों की जांच की जाएगी। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से सिविल सर्जन को पत्र जारी किया है। जारी पत्र में बताया गया है कि कोई भी टूनेट मशीन जो किसी स्वास्थ्य संस्थान में उपयोग में नहीं लाया जा रहा हो वहां से सिविल सर्जन और जिला संचारी रोग पदाधिकारी के आदेशानुसार दूसरे स्वास्थ्य संस्थान में स्थापित किया जाएगा। इस कार्य को दो सप्ताह के अंदर पूरा कर “निक्षय “ पोर्टल पर मैपिंग कर ली जाएगी ताकि उस मशीन से प्रतिदिन की जाने वाली जांचों का अनुश्रवण और समीक्षा समय से की जा सके। साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के समय टीबी के लक्षणों की स्क्रीनिंग कर टीबी के लक्ष्ण वाली महिलाओं को नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बलगम की जांच सुनिश्चित करने के लिए एएनएम और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर क़े सीएचओ को प्रशिक्षण और एसटीएस के माध्यम से आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा। जारी पत्र में निर्देशित है कि जिलों के अंतर्गत टीबी डायग्नोस्टिक सेंटर में अविलंब लैबोरेट्री टेक्नीशियन की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए प्रखंडवार टीबी जांच कार्य में गति लाया जाए।
जिले में एक सीबीनेट व 04 ट्रूनेट मशीन है मौजूद
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मेजर शशिभूषण प्रसाद ने बताया की विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना काल में टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को गहरा आघात लगा है। इस दौरान संभावित टीबी मरीजों की डायग्नोसिस एवं फॉलोअप जांच परम्परागत स्पुटम माइक्रोस्कोपी द्वारा की जाती रही है। टीवी उन्मूलन को लेकर जांच में तेजी लाने को लेकर विभाग की ओर से प्रखंड स्तर पर टीबी जांच करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। फिलहाल जिले में 04 ट्रुनेट एवं एक सीबीनेट मशीन उपलब्ध है। हालांकि फिलहाल कट्रेज नहीं होने के कारण सदर अस्पताल में भी टीवी का जांच बंद है लेकिन एक सप्ताह के अंदर यहां चालू हो जाएगा।
पिछले साल 1144 टीबी के मरीज मिले
सिविल सर्जन डॉ इंद्रजीत प्रसाद ने बताया कि 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रखण्ड स्तर पर ट्रूनेट मशीन से टीबी मरीजों की जांच शुरू की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में प्रत्येक साल 1000 से अधिक टीवी के मरीज सामने आते हैं। पिछले साल 1144 मरीज मिले थे। प्रखंड स्तर पर टीबी जांच की सुविधा हो जाने से सदर अस्पताल पर से मरीजों का भार घटेगा और उनका उपचार और भी बेहतर तरीके से हो सकेगा। स्वास्थ्य कर्मियों को भी मरीज को खोजने एवं उनके उपचार करने में सहूलियत होगी। कोरोना के मामले में आ रही गिरावट के पश्चात विभाग की ओर से निर्णय लिया गया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज तथा जिलान्तर्गत डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर में अविलम्ब लैबोरेटरी टेक्नीशियन की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए प्रखंड स्तर पर टीबी जांच कराने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि अब नयी परिस्थिति जिले में कोरोना संक्रमण दर भी काफी कम हो गया है। पिछले 05 दिनों से एक भी मरीज सामने नहीं आए। 02 सप्ताह के दौरान सिर्फ 05 नए कोरोना के मामले सामने आए हैं।