कृषि टास्क फोर्स की बैठक शुक्रवार को डीएम सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में हुई। इसमें किसान सम्मान निधि सहित कई योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि सम्मान निधि के लिए 414151 आवेदन पाप्त हुए हैं। इसमें कृषि समन्वयक स्तर पर 1156 आवेदन ही लंबित है। अंचलाधिकारी के स्तर पर 1111 अपर समाहर्ता के स्तर पर 213 आवेदन लंबित है। डीएम ने इन लंबित आवेदनों का जल्द निपटारा कराने का निर्देश दिया। समीक्षा के दौरान पता चला कि जिले के 54584 किसानों ने ईकेवाइसी नहीं कराया है।
इसके बाद डीएम ने ईकेवाइसी नहीं कराने वाले किसानों की सूची तैयार कर पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार कराने का आदेश दिया। इस काम में सुस्ती बरतने पर कारवाई करने को कहा। इसी तरह, जिला कृषि पदाधिकारी सह आत्मा परियोजना निर्देशक अनिल कुमार यादव को डीएम ने निर्देश दिया कि नमामि गंगे योजना के तहत जैविक खेती, जैव उत्पादक कृषक व प्रशिक्षित कृषि उद्यमी, एफआईजी, एफपीओ के माध्यम से उत्पादित सब्जियां, फल, मधु, मशरूम, भागलपुरी कतरनी चावल, चूड़ा को जैविक हाट में नियमित बिक्री सुनिश्चित कराएं।
इसी तरह, गर्मी फसल 2022-23 अंतर्गत बीज वितरण की समीक्षा की गई। जिसमें 50.71 प्रतिशत बीज की उपलब्धता मिली। इसमें नाथनगर प्रखंड में 158.18 क्विंटल, पीरपैंती में 144.18 क्विंटल, सन्हौला में 139.68 क्विंटल, सबौर में 134.49 क्विंटल और कहलगांव प्रखंड में 115.52 क्विंटल बीज शेष मिले। जिलाधिकारी ने चेताया कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार लक्ष्य के अनुरूप बीजों का 27 मार्च तक हर हाल में वितरण कराएं। ऐसा नहीं करने पर जिला कृषि पदाधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया।
उर्वरक की समीक्षा के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। जिलाधिकारी निर्देश देते हुए कहा कि खरीफ मौसम में यूरिया की कमी न हो इसके लिए जिला कृषि पदाधिकारी अपने स्तर से ठोस योजना बनाएं। ताकि खरीफ मौसम में किसानों को उर्वरक मिल सके। कृषि यांत्रिकरण 2022-23 के योजना की समीक्षा हुई। इसमें कृषि यंत्र को 4035 आवेदन मिले जिसमें 1212 आवेदन को स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें 708 यंत्रों का उठाव हो चुका है। कृषि यांत्रिकरण योजनांतर्गत यंत्रों की मरम्मती का लक्ष्य जिले को है। इसमें भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया व मधेपुरा के 400 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जाना है। भूमि संरक्षण सहायक निदेशक ने बताया कि 8 चेक डेम जिले में बनाए जाने हैं।