टीएमबीयू के अंबेडकर विचार एवं समाज कार्य विभाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू हुआ। इसका विषय आधुनिक भारत व डॉ. अंबेडकर रखा गया था। शुक्रवार को इसका उद्घाटन विवि के पूर्व वीसी प्रो. क्षमेंद्र कुमार सिंह ने किया। बतौर मुख्य वक्ता पूर्व प्राॅक्टर और विभाग के पूर्व हेड प्रो. विलक्षण रविदास ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में डाॅ. अंबेडकर का अहम योगदान है। उन्होंने भारत को संवैधानिक व सामाजिक दृष्टिकोण से एक नई दिशा दी थी। आधुनिक भारत और डॉ. अंबेडकर के बीच गहरा संबंध है जो उनके विचारों व क्रियाकलापों से समझा जा सकता है। वे सुधारक थे जो अपने समय में अनेक समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध थे।
संविधान जितना अधिक लागू होगा भारत उतना अधिक आधुनिक होगा। मुख्य अतिथि बीएनएमयू मधेपुरा के पूर्व डीन प्रो. शिवबालक प्रसाद ने बताया कि डॉ. अंबेडकर भारत के नागरिकों के लिए जीवन जीने के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाले लोगों में से थे। एमबीयू के सीसीडीसी डाॅ. अतुल चंद्र घोष और पूर्व डीएसडब्ल्यू डाॅ. उपेन्द्र साह ने बताया कि अंबेडकर के राजकीय समाजवाद के सिद्धांतों को यदि लागू किया जाए तो न सिर्फ भारत आर्थिक तंगी से उबर जाएगा बल्कि भारत में आर्थिक असमानता भी समाप्त हो जाएगी। स्वागत भाषण विभाग के हेड डॉ. संजय कुमार रजक ने दिया जिसमें उन्होंने विभाग के 21 वर्षों की यात्रा प्रस्तुत की।
सेमिनार में स्मारिका का किया गया विमोचन
सेमिनार में अर्थशास्त्र विभाग के हेड डॉ. मणींद्र सिंह, मैथिली विभाग के हेड डॉ. रामसेवक सिंह, मारवाड़ी काॅलेज के प्रधानाचार्य डॉ. शिव प्रसाद यादव व अन्य शिक्षक माैजूद थे। तकनीकी सत्र में पैनलिस्ट एमबीए विभाग की निदेशक डाॅ. निर्मला, मारवाड़ी कालेज के डॉ. चंद्रलोक भारती, डाॅ. कमल किशोर मंडल, वर्षा कुमारी रहीं। इस सत्र में बर्न विवि स्विट्जरलैंड से पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप कर रहे डाॅ. बेंजामिन अंबुएल सहित करीब डेढ़ दर्जन शोध सार पढ़े गए। स्मारिका का भी प्रकाशन किया गया। आयाेजन में शोधार्थी अभिषेक आनंद, विक्रम पटेल, खुशबू कुमारी, गौरव सिंह, भरत सिंह ने सहयाेग किया।