नए साल के अंत तक नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहरवासियों को मिलेगा पानी;

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भागलपुर। नए साल के अंत तक नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहरवासियों को पानी मिलने लगेगा। जैकवेल और इंटकवेल बनाने का काम जारी है। दिसंबर 2022 में यह काम पूरा हो जाना था लेकिन कोरोना काल में काम विलंब हो गया और बाद में फंड की भी दिक्कत हो गई। नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एडीबी वाटर प्रोजेक्ट के फेज 2 का काम है।

लक्ष्य है कि 2023 में नई परियोजना से जलापूर्ति शुरू करा दी जाय। जलापूर्ति परियोजना फेज 2 के तहत शहरी क्षेत्र 93 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनना है जिसपर 277 करोड़ रुपए का लागत आएगा। यह काम वीए टेक कंपनी को दिया गया है। नोडल एजेंसी बुडको है। इंजीनियरिंग कालेज परिसर में बन रहे इंटकवेल से बरारी वाटर वर्क्स तक पानी ले जाया जाएगा। वाटर वर्क्स में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट होगा जिसमें पानी का शुद्धीकरण कर जलापूर्ति की जायेगी। पहले यह इंटकवेल बरारी घाट के पास बनना था। लेकिन गंगा के घटते जलस्तर की वजह से एडीबी वाटर प्रोजेक्ट के फेज-2 के डिजाइन में संशोधन किया गया है। क्योंकि मौजूदा स्थिति में बरारी वाटर वर्क्स पिछले छह साल से लगातार पानी की किल्लत से जूझ रहा है। एडीबी वाटर प्रोजेक्ट का काम दो चरणों में किया जाना है। पहले चरण में पुराने ट्रीटमेंट प्लांट का जीर्णोद्धार, पाइप लाइन, शहर में जलमीनारों का निर्माण और वाटर मीटर लगाने का काम है। दूसरे चरण में 277 करोड़ की लागता से एक नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इंटकवेल आदि का निर्माण किया जाना है। फेज टू एडीबी वाटर प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। क्योंकि 24 घंटे जलापूर्ति के लिए पुराने ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता कम है। फेज टू में बनने वाले ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 93 एमलडी होगी। मौजूदा ट्रीटमेंट प्लांट वाटर वर्क्स की क्षमता 17.3 एमएलडी है। मौजूदा ट्रीटमेंट प्लांट से फिलहाल आपूर्ति 9 एमएलडी पानी की सप्लाई हो पाती है। दूसरी ओर फेज 1 के तहत शहर में 460 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाया जाना है। इस परियोजना से पहले 68,182 घरों में पानी पहुंचाने का लक्ष्य था। लेकिन टारगेट रिवाइज होने के बाद 79537 घरों में कनेक्शन किया जाएगा।