कटरिया नदी में बुधवार को बाढ़ आ जाने से घोघा-प्रशस्तडीह सहित आसपास के तटीय हिस्सों मे कटरिया (घोघा नाला) का पानी फैल गया जिससे किसान के साथ-साथ व्यवसाई वर्ग भी प्रभावित है। एक ओर जहां किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं तो दूसरी ओर ईंट निर्माताओं का कच्ची ईंटे पानी में गीली होकर नष्ट हो गई।
अचानक पानी आने से घोघा दियारा का संपर्क पथ भी पूरी तरह से जलगमग्न हो गया। लोग दियारा आवगमन नहीं कर पा रहे हैं। स्थिति ये है कि बुधवार की सुबह जो किसान दियारा पैदल गए थे, शाम को उन्हें नाव से वापस लौटना पड़ा।
हालांकि प्रशस्तडीह के किसान बीते दो वर्षों से कटरिया जलवृद्धि से ज्यादा प्रभावित हैं। पिछले वर्ष भी कटरिया धार (घोघा नदी) के पानी से प्रशस्तडीह के किसानों की फसलें नष्ट हो गई थीं। दो दिन पूर्व संबंधित पदाधिकारियों ने घोघा नदी (कटरिया नदी) का निरीक्षण कर पांच जगहों पर ह्यूम पाइप लगाकर पुलिया बनाने का आदेश दिया था। आदेश का पालन करने के पूर्व ही अचानक पानी का दवाब बढ़ गया और जगह-जगह पर गतिरोध होने के कारण पानी का फैलाव हो गया। घोघा में चिह्नित पांच जगहों के अलावा एक दर्जन से ज्यादा गतिरोध हैं। हलांकि पानी दवाब बढ़ते ही जेसीबी मशीन से कई जगहों पर जल निकासी के संकुचित निकास द्वार के फैलाव को बढ़ाया गया है।
ईंट निर्माता संघ के विनोद यादवेंदू, ब्रजेश मंडल, संजय यादव, श्याम यादव आदि ने कहा अचानक जलवृद्धि समझ से परे है। जलवृद्धि ने हमलोगों को संभलने का मौका भी नही दिया जबकी हमलोग पूरी तरह से तैयार थे इसके वावजूद हमलोगों का काफी संख्या में कच्ची ईंट नष्ट हो गई। हलांकि एक दिन पूर्व ही आदेशानुसार कई जगहों पर जेसीबी की मदद से पुलिया पथ को तोड़ा गया है ताकी पानी का ज्यादा से ज्यादा बहाव हो सके।