कटिहार : जिले में गेहूं फसल की कटाई का समय आ जाने से कृषि विभाग भी अलर्ट हो गया है। खेत में ही पराली जलाने वाले किसानों के साथ-साथ हार्वेस्टर संचालकों पर पर भी विभाग द्वारा नजर रखी जाएगी। इसके लिए जिला कृषि कार्यालय से दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है।
गेहूं फसल की कटाई के लिए सभी हार्वेस्टर संचालकों को जिला कृषि पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए सभी बीएओ को हार्वेस्टर संचालकों की सूची उपलब्ध कराने के साथ-साथ आदेश के लिए शपथ पत्र भरवाने का भी निर्देश दिया गया है। विभागीय पदाधिकारी ने बताया कि फसल कटाई करने से फसल अवशेष प्रबंधन में भी आसानी होगी। लेकिन अधिकांश लोग बिना एसएमएस लगाए कटाई कर रहे हैं। जिसके कारण किसान भी पराली जला देते हैं। इसके लिए किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है। आत्मा द्वारा चलाए जा रहे सभी कार्यक्रमों में फसल अवशेष प्रबंधन करने के साथ-साथ पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी दिनकर प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले के सभी हार्वेस्टर संचालकों को फसल काटने से पहले अब कृषि विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया है। बिना लाइसेंस लिए फसल की कटाई करने वाले हार्वेस्टर संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। कटिहार जिले में वर्तमान में 80 हार्वेस्टर है। गेहूं फसल कटनी का समय आ चुका है लेकिन अभी तक किसी भी हार्वेस्टर संचालक ने कटाई को लेकर किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली है।