बांका वन क्षेत्र की पिरौटा वन समिति होली के अवसर पर इस बार भी बड़े पैमाने पर हर्बल गुलाल तैयार किया है। जीविका की लगभग सौ से अधिक महिलाओं ने प्राकृतिक उत्पादों से तैयार आर्गेनिक हर्बल अबीर बाजार में भी उपलब्ध कराया है। इसकी डिमांड राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक है। इस बार दिल्ली के बिहार भवन दो क्विंटल गुलाल वन विभाग के प्रयास से भेजा गया है। जबकि बिहारी एजेंट ने कोलकाता एवं महाराष्ट्र तक डेढ़-डेढ़ क्विंटल गुलाल पहुंचाया है। यूपी से दो क्विंटल की मांग थी। पर समिति द्वारा आपूर्ति नहीं की गई। अगले साल इसकी मात्रा अधिक तैयार करने की है। इससे जीविका सदस्यों को रोजगार भी मिलेगा। पचास से सौ ग्राम के पैकेट में इसकी पैकिंग की गई है।
जिले के फुल्लीडुमर निवासी सह ललमटिया वन समिति के अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने बताया कि बिहार भवन से पांच साल से गुलाल का आर्डर आ रहा है। वर्ष 2012 में तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे के प्रयास से बिहार के मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रपति तक के यहां भेजा गया था। इसके लिए समिति को शुभकामना पत्र भी प्राप्त हुआ था।
कैसे होता तैयार
उपेंद्र ने बताया कि सिंदूर के बीज ,पलाश के फूल एवं सीम के पत्तों से गुलाल तैयार की जाती है। सिंदूर के बीज से तैयार अबीर सबसे महंगा होती है। एक क्विंटल गुलाल तैयार करने में कम से कम 30 हजार रुपए खर्च होते हैं। जबकि 500 रुपये किलो की दर से बिक्री होती है।