बिजली संसाधनों को दुरुस्त करने के लिए शहर में 220 करोड़ की लागत से काम कराया गया। लेकिन रविवार को बिना बारिश के दिन में 12 बजे के बाद चली तेज हवा में शहर की बिजली गुल हो गई। लगभग हर सबस्टेशन के 33 केवीए और 11 केवीए फीडर में ब्रेकडाउन हो गया। रात के 9 बजे तक यही सिलसिला चलता रहा। दिन के 12 बजे से रात 9 बजे तक लगभग एक दर्जन से अधिक ब्रेकडाउन हुए। कहीं तार टूटकर गिर गया तो कहीं तार पर पेड़ की टहनी और पेड़ गिर गए। कई इलाकों में तो छह-छह घंटे तक बिजली कटी रही।
शहर के पूर्वी हिस्से में मायागंज, सुरखीकल, तिलकामांझी, जेल रोड, गोपालपुर, जीरोमाइल, बरारी, आनंदगढ़ कालोनी हर जगह दिन में बिजली कटी रही। मायागंज पावर सबस्टेशन के 33 केवीए लाइन में शाम 5 बजे फिर ब्रेकडाउन हुआ और रात 9 बजे तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। दिन भर बिजली संकट रहने के कारण लोगों को पानी की भी समस्या हो गई। लोगों के घरों में मोटर नहीं चल सका। पानी की टंकियां सूख गईं। रविवार होने के कारण लोगों को घरेलू काम में भी दिक्कत हुई। इधर अलीगंज सबस्टेशन के 33 केवीए लाइन में दिन के 3.15 बजे ब्रेकडाउन हो गया। पश्चिमी हिस्से में विश्वविद्यालय फीडर में 2.25 बजे ब्रेकडाउन हो गया। चंपानगर फीडर तो दिन में तीन बार ब्रेकडाउन हुआ। वहीं पावर हाउस सबस्टेशन के 33 केवीए लाइन और 11 केवीए लाइन में ब्रेकडाउन के कारण बिजली कटती रही। भीखनपुर पावर सबस्टेशन की बिजली दिन के 12.30 बजे से शाम के 6 बजे तक ठप रही। बताया गया कि 33 केवीए लाइन में ब्रेकडाउन हो गया था। कहीं पेड़ गिर गया था। इसके कारण बिजली आपूर्ति होने में बाधा हुई। छह घंटे तक इशाकचक, डिक्सन रोड, मुंदीचक, भीखनपुर, लालूचक आदि मोहल्ले में बिजली नहीं रही।
तेज हवा के कारण बार-बार हो रहा ब्रेकडाउन
शहरी क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता प्रकाश कुमार झा ने बताया कि दिन के 12 बजे से ही तेज हवा चलने लगी थी। इस दौरान कहीं पेड़ की टहनी टूटकर तार पर गिर रही थी तो कहीं पेड़ ही गिर गया। 33 केवीए के एक लाइन में तो स्थिति ऐसी रही कि चार-चार बार पेड़ की टहनी गिर गई। दिनभर कर्मचारी काम में लगे रहे। लेकिन हवा लगातार चलती रही इसलिए खराबियां लगातार होती रही। बिजली जल्द से जल्द रीस्टोर करने की कोशिश की जा रही है।
बिजली बंद, बरारी वाटर वर्क्स से दिन भर ठप रही जलापूर्ति
रविवार को सुबह 11 बजे से देर शाम तक बिजली आपूर्ति बंद रहने से बरारी वाटर वर्क्स से लोगों को पानी नहीं मिला। क्योंकि सुबह की पाली में पानी आपूर्ति करने के बाद तालाब का पानी खत्म हो गया, इसके बाद दोपहर से देर शाम तक लोगों को पानी नहीं मिला। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी और लोग बाजार से खरीदकर डब्बाबंद पानी पीने को मजबूर हुए। यहां से शहर के 12 वार्डों में करीब सवा लाख आबादी को पानी दिया जाता है। जबकि घंटाघर व माणिक सरकार पानी टंकी में भी स्टोर करने का कार्य यहीं से होता है। ऐसे में इन दोनों जलमीनारों में भी पानी नहीं पहुंचा। अब पूरी रात इंटेकवेल चालू रखकर तालाब में पानी स्टोर करना होगा, तभी सोमवार की सुबह से लोगों को पानी मिल सकेगा।