अब शहर की तर्ज पर गांवों में भी डोर टू डोर कचरे का उठाव होगा। कुछ महीने बाद ही पंचायतों में यह कार्य शुरू हो जायेगा। शहर की तरह पंचायतों में भी कचरा उठाव के लिये हर घर में नीला एवं हरा डस्टबिन बांटा जायेगा। इससे पहले मुखिया एवं पंचायत सचिवों को ट्रेनिंग दी जायेगी। चयनित पंचायत की डीपीआर ग्रामसभा में पारित की जायेगी।
पंचायत की आबादी के आधार पर राशि आवंटित की जायेगी। घर-घर से संग्रहित कचरे की डंपिंग करने के लिए जमीन चिह्नित की जा रही है। गांव के सार्वजनिक जगहों पर बड़े-बड़े डस्टबिन लगाये जाएंगे। इन पंचायतों में ठोस व गीला कचरा प्रबंधन की कार्य योजना भी बनाई गई है। उपयोग के बाद बचे जल का निस्तारण किया जाएगा। जल का निस्तारण व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दोनों स्तर पर करने की व्यवस्था की जायेगी। घरों से उठाये जाने वाले कचरे के निस्तारण को ले पंचायत में एक कचरा एकीकरण इकाई का भी निर्माण किया जाएगा। जहां गीला व सूखा कचरा को अलग-अलग कर निस्तारण किया जाएगा।