बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) राज्य के 22 जिलों में प्राकृतिक खेती करेगा। इसके साथ-साथ किसानों को भी इसके लिये तैयार किया जायेगा। बीएयू में प्राकृतिक खेती को लेकर जमीन को आवंटित कर दिया गया है। इसकी तैयारी भी हो रही है। खरीफ की फसल धान की खेती भी इस विधि से शुरू की जायेगी। यह न सिर्फ सबौर, बल्कि बीएयू के सभी 22 कृषि विज्ञान केन्द्रों में एक-एक एकड़ में शुरू की जायेगी। यह जानकारी निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरके सोहाने ने दी।
उन्होंने बताया कि नीति आयोग की प्राकृतिक खेती योजना के अनुसार इस खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। पहले केवीके में सफल प्रयोग किया जायेगा और उसका डेमो किसानों को भी दिखाया जायेगा। उसके बाद अगले साल से किसानों को भी इस खेती को करने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके लिये प्राकृतिक खेती के विशेषज्ञ और तमिलनाडु निवासी डॉ. केईएन राघवन को बीएयू ने बुलाया है। निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि देश में यह पहला कृषि विश्वविद्यालय है, जहां प्राकृतिक खेती की शुरुआत सबसे पहले की जा रही है।