भागलपुर में खतरनाक स्तर तक पहुंची यूवी किरणें

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भागलपुर। शहर में पाराबैगनी (यूवी) किरणों का स्तर खतरनाक हद तक यानि सामान्य से लगभग छह गुना बढ़ गया है। चर्म रोग विशेषज्ञों की मानें तो इसके तीखेपन से चर्म कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। पर्यावरण संरक्षण पर काम कर रही संस्था मेटा विस्टा ने बिहार-झारखंड के पांच शहरों के यूवी लेबल का जो नया आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक भागलपुर के शहरी इलाकों में यूपी किरणों का स्तर 11 को पार कर गया है। जबकि इसका सामान्य स्तर दो होता है। यूवी इंडेक्स के मुताबिक यह स्तर काफी हानिकारक है। इसमें सूरज की खतरनाक किरणें सीधे धरती पर आ जाती हैं।

दिल्ली की संस्था ने किया सर्वे

दिल्ली की मेटा वेस्टा नामक संस्था पूरे देश में यूवी किरणों की जांच करती है। हाल में संस्था द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार बिहार-झारखंड के पांच शहर पटना, भागलपुर, रांची, जमशेदपुर एवं धनबाद अल्ट्रा वायलेट किरणों के लेवल के मामले में डेंजर जोन में है।

क्यों बढ़ा यूवी स्तर

शहर व आसपास का क्षेत्र पहाड़ी है। यहां का जमीन काफी उंचा नीचा है। समुद्र तल से शहर की ऊंचाई 134 फीट है। पर्यावरणविद् के अनुसार ऐसी स्थिति में मैदानी क्षेत्रों की तुलना में यहां के यूवी स्तर में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है।इसका सबसे बढ़ा कारण पेड़ों की अंधाधुध कटाई एवं हरियाली का नहीं बढ़ना है।

क्या कहते है पर्यावरणविद

जिस कदर यूवी किरणों का लेबल बढ़ रहा है। यह संपूर्ण प्राणियों के लिए खतरनाक है। विभिन्न कारणों से धरती पर कार्वन की मात्रा का बढ़ना ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे दिन प्रतिदिन यूवी की मात्रा बढ़ रही है। इससे बचाव के लिए हर आदमी को पौधरोपण के लिए आगे आने की जरूरत है। सरकार भी हरियाली योजना को बढ़ावा दे। तभी पेड़ पौधे कार्वन की अधिक मात्रा को अवशोषित कर पर्यावरण में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं और बढ़ते यूवी किरणों को कम किया जा सकता है।

सुनील अग्रवाल, सचिव मंदार नेचर क्लब, भागलपुर

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-जिले में वन क्षेत्र का है अभाव

-सरकारी एवं गैरसरकारी भूभागों पर वन विभाग करा रहा पौधरोपण

जागरण संवाददाता, भागलपुर : जिले में वन विभाग के पास पौधरोपण के लिए अपनी जमीन का अभाव है। विभाग के पास शाहकुंड की पहाड़ी एवं सुंदर वन को छोड़ कोई भूभाग नहीं है।

वन प्रमंडल पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा का कहना है कि जमीन के अभाव के चलते वन विभाग हरियाली मिशन योजना के तहत जिला गव्य विभाग, निरीक्षण भवन, डीएवी स्कूल सहित भागलपुर-कजरैली, शाहकुंड-अमरपुर मार्ग, जीरोमाइल-गोपालपुर मार्ग और सबौर-कहलगांव एनएच-80 के किनारे आदि जगहों पर पौधरोपण कराकर पर्यावरण को सबल बनाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए समय समय पर खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। बागवानी मिशन के तहत भी किसानों को नया बाग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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पौधरोपण कार्य महान, एक वृक्ष 10 पुत्र समान

इसके अलावा जिले की स्वयंसेवी संस्थाएं पटेल जनकल्याण विकास केंद्र, खानकित्ता, जियो एवं मंदार नेचर क्लब और सबौर ग्रामीण विकास केंद्र भी पर्यावरण जागरुकता अभियान के तहत पौधरोपण की दिशा में बेहतर कार्य कर रही है। पटेल जनकल्याण केंद्र के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने जन मानस को संदेश देते हुए कहा कि पौधरोपण कार्य महान, एक वृक्ष 10 पुत्र समान।

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पर्यावरण का दुश्मन बन रहा नगर निगम

फोटो – 5अजीत001

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-मेयर के आदेश के बाद भी जारी है कूड़ों का गिराना

जासं, भागलपुर : नगर निगम पर्यावरण का दुश्मन बन रहा है। इस सच्चाई को आप खुद अपनी आंखों से देखना चाहते हैं तो आ जाइए कैम्प जेल-जीरोमाइल के पास। यहां निगम द्वारा एनएच-80 के दोनों किनारे बेरोकटोक शहर का कचरा गिराया जा रहा है। उसमें आग लगा दी जा रही है। इस कारण वहां पर्यावरण सुरक्षा के लिए खड़ा हरा-भरा युवा पेड़ बेमौत मारा जा रहा है। इसकी जानकारी वन विभाग को दिए जाने पर उन्होंने निगम को एक पत्र प्रेषित कर अपने दायित्व का निर्वहन मात्र कर लिया है। मेयर ने भी यहां कूड़ा गिराए जाने पर आपत्ति दर्ज की थी, बावजूद इसके कूड़ों का गिराया जाना जारी है।

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