शहरियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के तहत स्वास्थ्य विभाग एक संस्था के साथ मिलकर टीएसआई (द चैलेंज इनिशिएटिव) प्रोग्राम का आयोजन करने जा रहा है। इस प्रोग्राम को भागलपुर के साथ-साथ बिहार के अन्य छह जिलों में भी संचालित किया जाएगा। विभाग से लेकर संस्था के जिम्मेदारों का दावा है कि इस प्रोग्राम के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे परिवार नियोजन के स्वास्थ्य सूचकांकों को और बेहतर किया जा सकेगा।
अभी प्रोग्राम शहर में चलेगा, फिर ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जाएगा
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग इस टीएसआई प्रोग्राम को भागलपुर के अलावा बिहार के पटना, गया, बेगूसराय, मुंगेर, रोहतास व पश्चिम चंपारण जिले के शहरी क्षेत्रों में चलाएगा। इस कार्यक्रम में विभाग के सहयोगी के रूप में पीएसआई (पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल) इंडिया काम करेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम को अभी फिलहाल भागलपुर शहरी क्षेत्र में चलाया जाएगा। लेकिन राज्य स्वास्थ्य समिति ने इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलाने का निर्देश दिया है। जिसको लेकर तैयारी की जा रही है। आगे पूरे जिले में इस प्रोग्राम को चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीएसआई प्रोग्राम के सहयोग से शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन कार्यक्रम को और सुदृढ़ किया जाएगा। साथ ही आठों शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सेवा प्रदाता की क्षमता वृद्धि करते हुए आईयूसीडी सेवा प्रदान की जाएगी।
परिवार नियोजन संग, मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर रहेगा जोर
पीएसआई इंडिया के सिटी इंप्लीमेंटेशन लीड नवीन कुमार राय बताते हैं कि परिवार नियोजन और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा पर जोर दिया जाएगा। इसके तहत आशा एवं एएनएम को प्रशिक्षण के जरिये उन्हें बताया जाएगा कि कैसे लोगों के बीच में जाकर परिवार नियोजन के बारे में प्रचार-प्रसार करना है और लाभुकों को स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाना है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधारभूत तकनीकी सेवाओं से लैस किया जाएगा। इस प्रोग्राम को लागू करने का प्रमुख उद्देश्य जहां जिले में प्रजनन दर को एक प्रतिशत से नीचे लाना है वहीं सीडीआर (शिशु मृत्यु दर), आईएमआर (नवजात मृत्यु दर) व एमडीआर (मातृत्व मृत्यु दर) को नीचे लाना है। इसके अलावा परिवार नियोजन के उपाय के अपनाने को लेकर लोग विशेषकर पुरुष वर्ग बहुत ही उदासीन है। ऐसे में इस प्रोग्राम के जरिये पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा। साथ ही किशोर स्वास्थ्य पर भी इस कार्यक्रम के जरिये काम किया जाएगा।