भागलपुर समेत 24 जिलों में खनन विभाग का जल्द ही अपना दफ्तर होगा। अभी इन जिलों में किराये के मकान में जिला और अंचल कार्यालय चल रहा है। इसे लेकर खनन विभाग के निदेशक गोपाल मीणा ने संबंधित जिलों को पत्र भेज दफ्तर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। निदेशक ने कहा है कि समाहरणालय व वर्तमान में संचालित खनन विभाग के बीच की दूरी अधिक रहने से समाहर्ता नजर नहीं रख पा रहे हैं। भागलपुर में अभी विभाग जिला परिषद के अधीन वाले जर्जर भवन में चल रहा है। इसके लिए प्रतिमाह विभाग द्वारा जिला परिषद को 10 हजार रुपये किराया भी दिया जाता है। भागलपुर राजस्व मामले में अव्वल है। बीते वित्तीय वर्ष में विभागीय लक्ष्य से काफी ज्यादा राजस्व की वसूली कर रिकॉर्ड भी बनाया गया था।बताया जाता है कि डीएम ने निदेशक के पत्र के आलोक में सामान्य शाखा को व्यवस्था देखने को कहा है। सामान्य शाखा समाहरणालय में तीन कमरे के खाली भवन की तलाश में है, ताकि उसमें खनन विभाग को शिफ्ट किया जा सके। साथ ही समाहरणालय परिसर के आसपास वैसी खाली जमीन भी ढूंढ़ी जा रही है। जहां मकान बनाया जा सके। जमीन की तलाश पूरी होने के बाद विभाग से भवन निर्माण के लिए आवंटन मांगा जाएगा। नये भवन में खनन विभाग से जुड़े तमाम काम के लिए काउंटर की व्यवस्था भी की जाएगी और संयुक्त आयुक्त या उपसचिव स्तर के अधिकारियों की तैनाती भी की जा सकेगी। जिला खनन पदाधिकारी अखलाक हुसैन ने बताया कि भागलपुर का राजस्व काफी अच्छा है। आने वाले दिनों में जब भागलपुर जिले में चिह्नित बालू घाटों की नीलामी होगी तो और राजस्व बढ़ेगा। ऐसे में भवन निर्माण की याचना विभाग से की गई थी। निदेशक ने भागलपुर के अलावा जमुई, कटिहार, मुंगेर, पूर्णिया, सहरसा, पटना, औरंगाबाद, बेगूसराय, बेतिया, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, मधुबनी, नालंदा, रोहतास, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, वैशाली व मुजफ्फरपुर में तुरंत व्यवस्था करने के लिए संबंधित जिलों के समाहर्ता को कहा है। यहां खनन विभाग से जुड़े काम के लिए ईंट-भट्ठा संचालकों, नई परियोजना के लिए ठेका एजेंसियों से लेकर पंचायती राज संस्थाओं को एनओसी आदि लेने में आसानी होगी।
भागलपुर समेत 24 जिलों में खनन विभाग का होगा अपना दफ्तर;
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