भागलपुर सहित सूबे के छह जिलों में स्काडा सिस्टम के जरिए बिजली की मनमाना कटौती पर विराम लगाने की तैयारी है। अब बिजली कंपनी के कर्मचारी बेमतलब कटौती कर सिस्टम में खराबी का बहाना नहीं बना सकेंगे। अब बिजली की आंखमिचौली की भी पल-पल की रिपाेर्ट बनेगी। इससे कर्मचारियाें पर दबाव हाेगा कि वे अलर्ट रहें। विद्युत सुधार याेजना रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत यह काम हाेगा।
इस पूरी याेजना पर भागलपुर व बांका में 250 करोड़ रुपए खर्च हाेंगे। इसी प्राेजेक्ट के तहत सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एकोजिशन सेंटर (स्काडा) भी बनाया जाएगा। किसी क्षेत्र की बिजली किस कारण से कटती है तो उसकी जानकारी मुख्यालय सीधे चली जाएगी और उपभोक्ताओं को कितनी देर बिजली उपलब्ध रही इसका डाटा सिस्टम में स्टोर होता रहेगा। एक कमरे में पूरा सेटअप तैयार हाे जाएगी। किसी बिजली कार्यालय में यह सिस्टम लगेगा।
जिले में विद्युत सुधार पर 250 करोड़ रुपए किए जाएंगे खर्च
प्री-पेड बिलिंग सिस्टम भी मजबूत हाेगा
ये सेंटर भागलपुर के अलावा सूबे के 6 जिलों-गया, बिहारशरीफ, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया व दरभंगा में भी खोले जाएंगे। इस प्रक्रिया से प्री-पेड बिलिंग सिस्टम को भी मजबूत किया जा सकेगा। इससे बिल में आने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लग सकेगी। सुपरिटेंडेंट इंजीनियर गौरव पांडे ने बताया कि भागलपुर विद्युत प्रमंडल क्षेत्र में 250 करोड़ से आरडीडीएसएस यानी रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत विद्युत सुधार से जुड़े काम होने हैं। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कैबकॉन इंडिया नाम की एजेंसी काे काम को कराने की जिम्मेदारी मिली है।
पूरे याेजना पर काम अप्रैल के अंत तक शुरू हाेगा। याेजना के तहत जर्जर पाेल व तार बदले जाएंगे। छाेटी-छाेटी नई ट्रांसमिशन लाइन बनेंगी। दाे पाेलाें की दूरी घटाकर विद्युत लाॅस काे कम किया जाएगा। एजेंसी के एजीएम कार्यस्थल का जायजा ले चुके हैं। आरडीएसएस के तहत बिहार में प्री-पेड बिलिंग सिस्टम को भी मजबूत करने के लिए 1204 करोड़ खर्च होंगे। इसमें 482 करोड़ राज्य सरकार खर्च करेगी। बाकी केंद्र देगा। बिजली कंपनी टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी (आईटीओटी) पर भी 400 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
साफ्टवेयर की मदद से मशीनाें काे नियंत्रित करता है स्काडा
बिजली कंपनी के अधिकारी ने बताया कि स्काडा सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एकोजिशन सेंटर एक अत्याधुनिक नियंत्रण प्रणाली है जो सॉफ्टवेयर की मदद से मशीनों की मॉनिटरिंग करती है। इस सॉफ्टवेयर में नेटवर्क डाटा संचार ग्राफिकल यूजर इंटरफेस शामिल है। सेंसर व अन्य डिवाइस प्रोग्राम कर मशीनरी के साथ जोड़ दिए जाते हैं। इसका सारा नियंत्रण कंप्यूटर से होता है। यानी मशीन में होने वाली गतिविधियों की रिकाडिंग होती है। इसकी जानकारी डाटा सेंटर तक पहुंच जाती है। कौन फीडर कितनी देर चला। कब शटडाउन हुआ, किस क्षेत्र की बिजली कितने देर गुल रही। यह सारी जानकारी सिस्टम में स्टोर हो जाएगी। उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिलेगी।