विश्व जल दिवस के अवसर पर नवगछिया में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय मेकिंग इन विजिबल ग्राउंड वाटर था। इंडियन केमिकल सोसायटी के चेयरमेन डॉ अशोक कुमार झा ने बताया कि जल के पुनः उपयोग पुन: चक्रण द्वारा चल कर प्रत्येक बूंद का बुद्धिमता पूर्व उपयोग से ही सस्टेनेबल विकास हो सकता है। इंडियन केमिकल सोसायटी के ट्रेजरर डॉ उषा शर्मा ने इस मौके पर आगत अतिथियों का स्वागत किया तथा सचिव प्रोफेसर बिंदेश्वरी सिंह ने जल संरक्षण की महत्ता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का उद्घाटन पीजी रसायन के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो डॉ विवेकानंद मिश्र ने किया। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जगतपति झा ने जीरो बजट, जलजीवन और जंतु पर अपना व्याख्यान दिया। प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ शैलेश, अंजना कुमारी, डॉ उज्जवल कुमार, डॉ सत्यांशु भंगी, प्रोफेसर सभाजीत सिकदर ने जल की महत्ता एवं जल संरक्षण पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
वक्ताओं ने कृषि क्षेत्र में जल की न्यूनतम उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला। कहा कि भूगर्भ जल को बचाकर ही किसी देश का विकास किया जा सकता है। प्रोफेसर एमपी शाह ने भी इस अवसर पर अपना विचार व्यक्त किया। डॉ झा ने बताया कि 2030 तक सस्टेनेबल विकास एवं स्वास्थ्य एवं जल का लक्ष्य प्राप्त कर लेना है। इस राष्ट्रीय सेमिनार में 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की गई।