भागलपुर के एक बड़ी खुशखबरी आयी है। 15 साल का इंतजार खत्म जल्द शुरू होगा भोलानाथ फ्लाईओवर का निर्माण। शहर में जाम से भी मिलेगी मुक्ति एक लाख से अधिक की आबादी होगी लाभान्वित बरसात के दिनों में होती थी लोगों परेशानी।
कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही भोलानाथ के ऊपर फ्लाईओवर निर्माण को लेकर सिल्क सिटी के लोगों का 15 सालों का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। जल्द ही कार्य शुरू होगा। इस दिशा में अब पहल तेज होगी। इस फ्लाईओवर के बनने से दक्षिणी क्षेत्र सहित शहर के लोगों को काफी सहूलियत होगी। जाम की समस्या और बरसात के दिनों आवागमन सुगम हो जाएगा। 1110 मीटर लंबा फ्लाईओवर मिरजानहाट शीतला स्थान चौक से भीखनपुर चौक तक बनेगा। भोलानाथ रेल पुल के ऊपर फ्लाईओवर निर्माण की घोषणा 2007-2008 में की गई थी। पूर्व रेलवे से नक्शे को ढाई साल पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। फ्लाईओवर भोलानाथ रेल पुल के ऊपर 7.5 मीटर ऊंचा बनाया जाना है।
दरअसल, बरसात के दिनों में दक्षिणी क्षेत्र के लोगों के आवागमन की समस्या को देखते हुए 15 साल पहले भोलानाथ के ऊपर फ्लाईओवर बनाने की सरकार ने घोषणा की थी। प्रस्तावित मिरजानहाट शीतलास्थान चौक से भीखनपुर के बीच 1110 मीटर लंबे फ्लाईओवर का पुल निर्माण निगम द्वारा 65 करोड़ का प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज दिया गया था, लेकिन खामियां गिनाते हुए इसमें सुधार करने की बात करते हुए प्राक्कलन लौटा दिया गया था। 10-11 साल प्राक्कलन में सुधार और लौटाने की प्रक्रिया में ही बीत गए। इस दौरान 12-14 बार इस तरह की प्रक्रिया चली। ढाई साल पहले निर्देशानुसार प्राक्कलन में सुधार कर पुल निर्माण निगम के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज दी गई थी। फ्लाईओवर की डीपीआर ट्रांसटेक कंसलटेंट ने बनाई है।
दरअसल, बरसात के दिनों में दक्षिणी क्षेत्र के लोगों के आवागमन की समस्या को देखते हुए 15 साल पहले भोलानाथ के ऊपर फ्लाईओवर बनाने की सरकार ने घोषणा की थी। प्रस्तावित मिरजानहाट शीतलास्थान चौक से भीखनपुर के बीच 1110 मीटर लंबे फ्लाईओवर का पुल निर्माण निगम द्वारा 65 करोड़ का प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज दिया गया था, लेकिन खामियां गिनाते हुए इसमें सुधार करने की बात करते हुए प्राक्कलन लौटा दिया गया था। 10-11 साल प्राक्कलन में सुधार और लौटाने की प्रक्रिया में ही बीत गए। इस दौरान 12-14 बार इस तरह की प्रक्रिया चली। ढाई साल पहले निर्देशानुसार प्राक्कलन में सुधार कर पुल निर्माण निगम के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज दी गई थी। फ्लाईओवर की डीपीआर ट्रांसटेक कंसलटेंट ने बनाई है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार मुख्यालय से निर्देश मिलने पर टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। काम शुरू होने पर डेढ़ साल में फ्लाईओवर निर्माण पूरा हो जाएगा। जल्द ही भू-अर्जन की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। भूमि अधिग्रहण में 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। मिरजानहाट शीतला स्थान चौक से भोलानाथ पुल के बीच पर्याप्त जगह है। 45 से 50 फीट चौड़ी जगह है, लेकिन भोलानाथ पुल और भीखनपुर के बीच लोगों ने सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर लिया है। हालांकि इन घरों व दुकानों में चिन्हित कर लिया गया है। अब जल्द ही अतिक्रमण हटाने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी।
डिक्शन चौक के पास मालगोदाम व लोहिया पुल को जोडऩे के लिए फ्लाईओवर का सर्विस रोड बनना है। सबकुछ ठीक रहा तो जुलाई-अगस्त में निर्माण कार्य शुरू और 2023 में कार्य पूरा हो जाएगा। वर्तमान में भोलानाथ पुल के नीचे जलजमाव की समस्या रहती है। बरसात में समस्या और भी गंभीर हो जाती है। भोलानाथ के नीचे तीन फीट से अधिक पानी का बहाव होता है। नाला का गंदा पानी बहने से आवागमन की समस्या खड़ी हो जाती है। यही नहीं आवागमन की समस्या की वजह से खासकर इशाकचक इलाके में स्कूली बसें नहीं आती हैं। इसकी वजह से बच्चों को घर से बस पकडऩे के लिए एकाध किलोमीटर पैदल चलकर डिक्शन मोड़ या फिर मिरजानहाट शीतला स्थान चौक जाना पड़ता है। प्रतिदिन जाम से लोगों को जूझना पड़ रहा है।
- मिरजानहाट शीतलास्थान चौक से भीखनपुर चौक के बीच 1110 मीटर लंबा बनेगा फ्लाईओवर
- – फ्लाई ओवर रेलवे से 7.5 मीटर ऊपर से गुजरेगी, जलजमाव की समस्या से मिलेगी राहत
- – जाम पर लगेगा अंकुश, दक्षिणी क्षेत्र सहित विभिन्न इलाकों के इस रास्ते से गुजरने वाले एक लाख से अधिक लोगों के लिए सुगम होगा यातायात।
इस मार्ग से गोराडीह, जमशी, लोदीपुर, लालुचक, बैजानी, फुलवडिय़ा, खीरीबांध, अलीगंज, महेशपुर, कोइली-खुटाहा सहित कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के एक लाख से अधिक लोग गुजरते हैं। काफी नीचे होने से कार, दोपहिया और आटो व टोटो को छोड़ अन्य गाडिय़ां नहीं जा पाती हैं। गाडिय़ां फंस जाती हैं। इससे स्थानीय व्यवसायियों को माल ढुलाई में परेशानी होती है। इससे व्यवसाय पर भी असर पड़ता है। भोलानाथ फ्लाईओवर के बनने से इन समस्याओं का समाधान होगा। आवागमन सुगम होने के साथ ही हर रोज जाम से दो चार नहीं होना पड़ेगा।