मधुमक्खी पालन व प्रसंस्करण से किसानों को मिलेगा स्वरोजगार;

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भागलपुर | मधुमक्खी पालन एवं प्रसंस्करण विषय पर 05 दिवसीय जिलास्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार से आत्मा प्रशिक्षण भवन में शुरू हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में तीन सैद्धान्तिक एवं दो प्रायोगिक कक्षाएं संचालित की जाएंगी। प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न प्रखंडों से कुल 182 किसान भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान इन किसानों को बिहपुर के मधुमक्खी पालन इकाई एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के शहद प्रसंस्करण इकाई का भ्रमण भी कराया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार यादव, जिला सहकारिता पदाधिकारी अमजद हयात बर्क, उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह, कृषि वैज्ञानिक डा. किरण कुमारी और डा. रामानुज विश्वकर्मा ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर बिहपुर के प्रगतिशील किसान संजय कुमार चौधरी भी मौजूद थे। आत्मा द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहकारिता विभाग द्वारा गठित मधुमक्खी पालन सहकारी समिति के प्रर्वतक सदस्यों ने भी भाग लिया। जिला कृषि पदाधिकारी ने सभी किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि आत्मा द्वारा पूर्व में प्रशिक्षित किसान मधुमक्खी पालन का सफलतापूर्वक व्यवसाय कर रहे हैं। किसान शहद निर्माण एवं इसके प्रसंस्करण से संबंधित नई तकनीक सीख रहे है। उनके द्वारा मधुमक्खी पालन अपनाकर स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अन्य किसानों को भी प्रेरित किया जा रहा है। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उप परियोजना निदेशक ने बताया कि मधुमक्खी पालक किसान अब शहद निर्माण के साथ रॉयल जेली तथा कई प्रकार की दवाएं भी तैयार कर रहे हैं। इस क्षेत्र में कृषक उत्पादक संगठन की भूमिका अहम है। मास्टर ट्रेनर ने शहद के उपयोग, गुणवत्ता बढ़ाने के तरीके एवं मधुमक्खी के बक्से के रख-रखाव के बारे में भी बताया।