भागलपुर। मायागंज अस्पताल परिसर में 100 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) बनाया जाएगा। जिस बिल्डिंग में ये ब्लॉक बनेगा, वहां पर गंभीर मरीजों के लिए एक जांच घर खोला जाएगा, जहां पर मरीजों के खून-पेशाब की जांच किया जा सके। इस ब्लॉक में दुर्घटना में घायल या गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों के पहुंचते ही तत्काल ही इलाज शुरू हो जाएगा। इस यूनिट में सर्जरी और मेडिसिन, हड्डी समेत अन्य विधाओं के डॉक्टर मौजूद रहेंगे। जहां पर इलाज के बाद मरीज को मायागंज अस्पताल के इंडोर में शिफ्ट किया जा सकेगा।
आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत एम्स पटना व जपाइगो के सहयोग से 100 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा। ये ब्लॉक जी+2 बिल्डिंग में बनेगा। इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर जहां 100 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक होगा। जबकि तीसरे तल पर आईपीएचएल (इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री) रहेगा। ये 2805 वर्ग मीटर में बनेगा। जमीन चयन के बाद बीएमएसआईसीएल इसका टेंडर निकालकर निर्माण कराने वाली एजेंसी का चयन मार्च 2023 तक करेगी। इसे पूरी तरह से तैयार होने में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा।
अस्पताल अधीक्षक संग सीसीबी की टीम ने देखी जगह
मंगलवार को पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे एम्स पटना के डॉ. अश्विनी कुमार की अगुवाई वाली टीम ने मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास से मुलाकात की। टीम में सीसीबी की एसेसर भाव्या गांधी, हॉस्पिटल प्लानर नीतू पाहूजा, आईपीएचएल के एसेसर रोहित पाल मौजूद रही। टीम ने अस्पताल अधीक्षक संग अस्पताल परिसर के तीन जगह क्रमश: ओपीडी बिल्डिंग के पीछे स्थित एक जर्जर बिल्डिंग, ऑक्सीजन प्लांट के समीप स्थित खाली जमीन व नर्सिंग हॉस्टल के सामने स्थित दूसरे जीर्ण भवन को देखा। टीम को क्रिटिकल केयर ब्लॉक के लिए ओपीडी बिल्डिंग के पीछे स्थित एक जर्जर बिल्डिंग पसंद आयी है। टीम का मानना है कि ये जगह निर्माण के लिए बेहतर रहेगा। टीम मंगलवार को दोपहर बाद करीब ढाई बजे निकल गयी।