भागलपुर। कोरोना की संभावित लहर की आशंका के मद्देनजर मंगलवार को सदर अस्पताल में लगे ऑक्सीजन प्लांट एवं अन्य सुविधाओं का मॉकड्रिल किया गया। दोनों ही अस्पतालों में मॉकड्रिल के दौरान ऑक्सीजन प्लांट चालू पाया गया। हालांकि मायागंज में एक ऑक्सीजन प्लांट के फिल्टर को बदलने की जरूरत बताई गई।
मायागंज अस्पताल में लगे तीनों ऑक्सीजन प्लांट का अधीक्षक ने टीम के साथ मॉकड्रिल किया। इस दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास के साथ डॉ हेमशंकर शर्मा, डॉ. महेश कुमार, डॉ. राजीव सिन्हा, विश्व स्वास्थ्य संगठन की डॉ. पल्लवी राव, जयेश कुमार, हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता, पवन पांडे, वीरमणी व आभा कुमारी मौजूद थीं। सबसे पहले 20 हजार क्षमता वाली क्रायोजेनिक ऑक्सीन प्लांट को चेक किया गया। तीन सौ एलपीएम प्लांट में अधिकारी गये। प्लांट की जांच की गई। यह पूरी तरह दुरुस्त था। सबसे अंत में दो हजार एलपीएम प्लांट का मॉकड्रिल किया गया। यह भी ठीक चल रहा था, लेकिन अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने बताया कि 20 हजार घंटा चलने के बाद इसके फिल्टर को बदलने की जरूरत होती है। इसके लिये संबंधित विभाग को लिखा गया है। ऐसे में इसका फिल्टर बदलना जरूरी है। इस काम के लिए बीएमआईसीएल को पत्र लिखा जा चुका है। जल्द ही एजेंसी के अधिकारी आकर इसके फिल्टर को बदल देंगे। कहा कि ये ऑक्सीजन प्लांट सुरक्षित पाया गया है। वहीं इससे कोरोना वार्ड में ऑक्सीजन पहुंचना सुनिश्चित कर लिया गया है। वहीं दूसरी ओर एमसीएच कोरोना वार्ड में जाली लगा दी गई है, ताकि मच्छर न घुस सके। मायागंज अस्पताल में कोरोना के एक भी मरीज भर्ती नहीं होने के बावजूद वहां काफी साफ-सफाई है।
24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई की गई सुनिश्चित
सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा, अस्पताल प्रभारी डॉ. राजू एवं हेल्थ मैनेजर जावेद मंजूर सदर अस्पताल में एक हजार एलपीएम वाले ऑक्सीजन प्लांट के मॉकड्रिल के दौरान पहुंचे। उनके पहुंचने के बाद उनके सामने प्लांट को चालू किया गया। आगे कोई परेशानी नहीं हो, इस खातिर संसुष्ट होने के लिये करीब एक घंटे से ज्यादा वक्त तक प्लांट से निकल रही ऑक्सीजन की गुणवत्ता की जांच की गई। जांच के बाद प्लांट का सारा काम ठीक पाया गया। सीएस डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि कोरोना मरीजों के लिए 70 बेड तैयार है। इसके लिये 24 घंटे ऑक्सीजन की सप्लाई दी जा सकती है। इसकी प्योरिटी 94 फीसदी से अधिक है। वहीं इसका प्रेशर 4.3 बार से अधिक है। पाइपलाइन से इस प्लांट का ऑक्सीजन सीधे मरीज के बेड पर पहुंचना सुनिश्चित कर लिया गया है। इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर को भी रिजर्व रखा गया है।
सभी मरीजों की नहीं हो रही जांच
मायागंज अस्पताल में तीनों ऑक्सीजन प्लांट तो चल रहा है, लेकिन इसके अलावा ओपीडी में धीरे चलने वाले सर्वर के कारण एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड का काम काफी धीरे हो रहा है। मरीजों ने बताया कि एक अल्ट्रासाउंड में 15-20 मिनट लग जा रहा है। रोजाना मरीजों को निराश होकर लौट जाना पड़ता है। भागलपुर रेलवे स्टेशन पर बाहर से आने वाले सभी यात्रियों की जांच नहीं हो रही है। ऐसे में कोई संक्रमित आ जाये तो संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है।