योजना:एप से 2341 आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी में होगी आसानी;

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आईसीडीएस की सेवाओं की गुणवत्ता को बनाया जा रहा है बेहतर, लाभार्थियों का एप पर रजिस्ट्रेशन जरूरी

आईसीडीएस द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता व संचालन को और अधिक सुविधाजनक और सहज बनाया जा रहा है। ताकि लोगों को इसका लाभ लेने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए पोषण ट्रैकर एप की सुविधा दी जा रही है। एप के माध्यम से जिले के सभी 2341 आंगनबाड़ी केन्द्रों की निगरानी और मूल्यांकन बहुत ही आसानी से की जा सकेगी। कुपोषण की समस्या को समाप्त करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के स्तर पर लाभार्थियों को पूरक पोषाहार उपलब्घ कराया जाता है। लेकिन अब इसका लाभ उठाने के लिए सभी लाभार्थियों को पोषण ट्रैकर एप पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। रजिस्ट्रेशन कराने पर ही उन्हें पूरक पोषाहार का लाभ मिलेगा। लाभुक पोषण ट्रैकर एप पर रजिस्ट्रेशन और आधार सत्यापन के लिए अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका से संपर्क कर सकते है। आईसीडीएस के प्रभारी डीपीओ आलोक चन्द्र ने बताया कि अब सेविकाओं को सभी गतिविधि पोषण ट्रैकर पर अपलोड करना होगा। जहां से सभी जानकारियों की मॉनिटरिंग की जा सकेगी। वहीं एक फरवरी से सात फरवरी तक पोषण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है, जहां सभी प्रकार की जानकारी उपलब्घ करायी जाएगी।
एप के माध्यम से रियल टाइम मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मिलेगी मजबूती : पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से रियल टाइम मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूती मिल सकेगी। एप द्वारा सेविकाएं क्षेत्र में उपस्थित नवजात शिशुओं, गर्भवती-धात्री महिलाओं, उनके पोषण व स्वास्थ्य की जानकारी, टीएचआर का वितरण, बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिंग आदि तमाम जानकारी एप पर दर्ज की जाएगी। एप के माध्यम से कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करना आसान हो जाएगा। साथ ही आंगनबाड़ी क्षेत्रों में गर्भवती व धात्री महिलाओं, 0 से तीन वर्ष के बच्चे, 3 से 6 वर्ष के बच्चे, किशोर-किशोरियों के साथ ही आंगनबाड़ी पोषक क्षेत्र के अनाथ बच्चों व उन सभी के स्वास्थ्य की जानकारी सेविकाओं द्वारा अपलोड किया व विभाग द्वारा उसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।
एक से सात फरवरी को मनाया जाएगा पोषण सप्ताह : आंगनबाड़ी क्षेत्र के अधिक से अधिक लाभार्थी विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की जानकारी पोषण सप्ताह के दौरान उपलब्ध करायी जाएगी। आंगनबाड़ी कर्मियों के द्वारा 0 से 6 वर्ष के बच्चों का वजन, हाईट सहित अन्य प्रकार की जानकारी लाभार्थियों को दी जाएगी। बच्चों को किस प्रकार स्वस्थ्य रखा जाए, महिलाओं को गर्भवास्था के दौरान किन-किन चीजों का ध्यान रखना है, इसकी जानकारी भी जाएगी।