लोक आस्था का महापर्व छठ को महज चार दिन शेष रह गये हैं। छठ को लेकर प्रशासनिक तैयारी अभी शुरू नहीं हो पाई है। कहलगांव के विभिन्न छठ घाटों की साफ-सफाई अभी तक शुरू नहीं की जा सकी है। घाटों की बांस से बैरिकेडिंग भी शुरू नहीं की गयी है। रोशनी एवं छठ व्रतियों की सुविधाओं के लिये आवश्यक इंतजाम नहीं किये गये हैं। छठ घाटों पर कचरा एवं गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है।
इस बार गंगा का जलस्तर ऊंचा होने की वजह से सभी घाटें खतरनाक हो चुकी हैं। घाट छोटा होने के साथ सीधा खड़ा है ऐसे में छठ का सूप रखने और गंगा में व्रतियों के खड़ा रहने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर बुधवार को 30.12 सेंटीमीटर पर थी जो वार्निंग लेवल से तीन सेंटीमीटर ऊपर है। हालांकि धीमी रफ्तार से घटक जारी रहने की संभावना है। नहाय खाय 28 को खरना 29 को और पहला अर्घ्य 30 अक्टूबर को है। घाट की तैयारी को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी मधुकांत ने बताया कि नगर पंचायत द्वारा साफ-सफाई का कार्य बुधवार से शुरू कर दिया गया है। जल का स्तर ऊंचा है इसलिए कार्य में गति नहीं हो पा रही है। युद्धस्तर पर सफाई व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने मगरमच्छ को लेकर बताया कि वन संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से संपर्क करने पर कहलगांव से सुल्तानगंज जलीय जीव संरक्षण एरिया होने की वजह से सावधानी बरतने का निर्देश दिया जा रहा है। घाटों पर पोस्टर और बैनर लगाया गया है।