वन प्रमंडल बांका कार्यालय पूरी तरह से डिटिजल होने जा रहा है। एप के माध्यम से वनों की सुरक्षा और कर्मी पर नजर रखी जा रही है। बांका वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वन विभाग को डिजिटल व हाईटेक बनाया जा रहा है। एप के माध्यम से वन कर्मी जिनकी ड्यूटी जहां लगायी गयी है, वह वहां पर मौजूद हैं की नहीं, लोकेशन के आधार पर इसका पूरा पता चल जाएगा। ऐसे में वन कर्मी अपने डयूटी पर तैनात रहेंगे और पूरे वन क्षेत्र की सुरक्षा मुकम्मल तरीके से करायी जाएगी। इस एप के लांच होने के बाद पदाधिकारी या कर्मी घर में आराम नहीं फरमा सकेंगे। हर हाल में उन्हें ससमय डयूटी पर तैनात रहना होगा। वन विभाग के पदाधिकारी, कर्मी और फोर्स को एप के माध्यम से आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाएंगे। इतना ही नहीं साॅफ्टवेयर के माध्यम से वन प्रक्षेत्र में पेट्रोलिंग की निगरानी की जाएगी। वहीं फॉरेस्ट मैप को पूरी तरह से डिजिटललाइज किया जा रहा है। एप में वन प्रक्षेत्र के पूरे भूभाग का सीमांकन किया गया है। सीमांकन होने से वन विभाग की भूमि चिन्हित हो जाएगी। वहीं कौन सा भूभाग वन विभाग के अधीन है ? इसकी पूरी जानकारी विभाग के पदाधिकारी व कर्मी सहित अन्य लोगों को स्पष्ट हो जाएगा। इस एप की सर्वाधिक विशेषता यह होगी कि कोई भी व्यक्ति अपने विवादित भूमि से संबंधित जानकारी एप के माध्यम से दे सकते हैं। वन विभाग को सूचना मिलते ही इसकी जांच करायी जाएगी और उनकी समस्या को शॉट आउट किया जाएगा।
दुधिया रोशनी से चमकेगा जंगली क्षेत्र, लग रही मॉडर्न सोलर लाइट
बांका का जंगली क्षेत्र जल्द ही दुधिया रौशनी से जगमगा उठेगा। इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। पूरे वन प्रक्षेत्र में प्रथम फेज में 150 अत्याधुनिक सोलर लाइट लगाये जा रहे हैं। इस सोलर की विशेषता यह है कि सोलर लाइट 20 वार्ड का है। जो लगातार बादल छाये रहने के बाद भी दो दिनों तक रोशनी देता रहेगा। शाम 6 बजे के बाद 10 बजे तक फुल रोशनी देगा। उसके बाद 15 वार्ड का हल्का लाइट रात भर जलता रहेगा। इस सोलर लाइट की सर्वाधिक विशेषता यह है कि कोई भी व्यक्ति, जानवर यहां तक सांप भी उसके नीचे से होकर गुजरेगा तो उसका हल्का लाइट मध्यम से तेज हो जाएगा।
3 करोड़ की लागत से मंदार में इको डायवर्सिटी पार्क हो गया तैयार
3 करोड़ की लागत से मंदार में इको डायवर्सिटी पार्क बन कर तैयार हो गया है। यहां वाटिका वन बनाया गया है। जहां हैदराबाद से सरीफा, सेब, जामुन, अमरूद के फल लगाये गये हैं। मंदार के इको डायवर्सिटी पार्क और ओढ़नी डैम में वॉटर टावर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जल संरक्षण के तहत गार्ड लाइन ट्रेंचिंग का काम किया जा रहा है। बांका में 2, कटोरिया में 2 और बौंसी में एक जगह पर मृदा एवं जल संरक्षण का कार्य कराया जा रहा है। वहीं जंगल के आदिवासी क्षेत्राें में तालाब, चापाकल, कम्प्यूटर ट्रेनिंग का कार्य चल रहा है।
सुपाहा वन प्रक्षेत्र में 52 लाख से बनाया जा रहा अरबन पार्क
सुपाहा वन प्रक्षेत्र को अरवन पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। 52 लाख की लागत से चिल्ड्रेन पार्क, कैफटेरिया, बच्चों के लिए प्ले जाँन, पानी, शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पूरे क्षेत्र में पेड़ पौधा लगाकर सुपाहा वन प्रक्षेत्र को एक नया लुक दिया जा रहा है। आरा मिल और लकड़ी कटाई पर कार्रवाई की जा रही है। इस साल पूरे बांका वन प्रक्षेत्र में 7 लाख 31 हजार पौधरोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 5 लाख 38 हजार 209 पौधरोपण अबतक किया गया है। हरित बांका, सुंदर बांका और स्वच्छ बांका की सरकार की परिकल्पना को यहां पूरी तरह धरातल पर उतारने की कोशिश की जा रही है।