शहर व जिले के 10 प्रखंडाें में इस साल जनवरी से अब तक टीबी के पांच मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मरीजाें काे खाेजने का अभियान चलाया है। इस दाैरान 34,591 लाेगाें की स्क्रीनिंग की गई। 129 के बलगम जांच में लिए लिये गए। इनमें पांच मरीज की पहचान हुई। सुल्तानगंज में दाे, खरीक, नारायणपुर व शहर में एक-एक मरीज मिले हैं। उनकी दवा शुरू कर दी गयी है। शहर के अलावा जगदीशपुर, सबाैर, कहलगांव, पीरपैंती, नवगछिया, खरीक, नारायणपुर, सुल्तानगंज, गाेराडीह व गाेपालपुर में टीम ने स्क्रीनिंग की।
विभाग का दावा है कि पिछले पांच साल की तुलना में अब टीबी के मरीजाें की संख्या में 20 प्रतिशत की कमी आई है। राष्ट्रीय प्रमाण पत्र जारी करनेवाली संस्था एसएनसी सर्वे में यह पता चला है। जिले में वर्तमान में 7355 टीबी के मरीजाें में 251 एमडीआर के हैं। पिछले दस साल में 200 मरीजाें की माैत हाे चुकी है। हालांकि उन मरीजाें में टीबी के अलावा कई दूसरी बीमारी भी थी। शुक्रवार काे विश्व टीबी दिवस पर सदर अस्पताल से जागरूकता रैली व मेडिकल काॅलेज अस्पताल में सेमिनार का आयाेजन हाेगा।
बिना मास्क के संदिग्ध मरीज काे भेज रहे मायागंज
शहर के आठाें पीएचसी में कहीं भी टीबी मरीजाें काे मास्क तक देने की व्यवस्था नहीं है। दूर-दराज से भी आए मरीजाें काे बिना मास्क लगाए ही मायागंज अस्पताल जांच के लिए भेज दिया जाता है। जबकि यह संक्रामक बीमारी है। गुरुवार काे मायागंज अस्पताल के ओपीडी से एक वृद्धा में एमडीआर की पहचान हाेने के बाद इमरजेंसी में भर्ती के लिए भेजा गया। वह बिना मास्क के वहां पहुंची थी। ट्राॅलीमैन ने उसे मास्क दिया, फिर एमडीआर टीबी वार्ड ले गया।
विभाग मरीजाें की लगातार कर रहा खाेज
मायागंज अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभाग के डाॅ. अजय सिंह ने कहा कि आज टीबी व चेस्ट विभाग में मरीजाें के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयाेजन हाेगा। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डाॅ. दीनानाथ ने बताया कि लाेगाें काे जागरूक करने के लिए पंफलेट बांटने के साथ ही सेमिनार भी हाेगा।
इनका रखें ध्यान
खांसने या छींकने से पहले मुंह पर रूमाल रखें
एक बंद कमरे में ज्यादा सदस्य न रहें या सोएं
घरों में खिड़कियां हाे, ताकि वह हवादार रहे
कुपोषण को दूर करने के लिए न्यूट्रीशियन लें
रिफ्यूजी कॉलोनी व स्लम एरिया की सफाई करते रहें
टीबी के मरीज बीच में दवा लेना बंद न करें