बीएयू में माली, सूक्ष्म सिंचाई तकनीशियन, कृषि यंत्रों की मरम्मत, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन व मैत्री प्रशिक्षण से जुड़े प्रशिक्षुओं काे वीसी डाॅ. डीआर सिंह ने राेजगार देने वाला बताया। गुरुवार काे इन्हें संबाेधित करते हुए वीसी ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद उद्यमिता के रास्ते खुलेंगे। कृषि रोडमैप के तहत युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए सरकार ऐसे कई कार्यक्रम चला रही है। फूलाें का व्यवसाय ग्लोबल बन गया है। करीब 600 करोड़ रुपये से भी ज्यादा फूलों और उससे संबंधित व्यवसाय किए जा रहे हैं।
पुणे और सिक्किम में फ्लोरिकल्चर के संस्थान खोले गए हैं। बीएयू भी अपना फ्लोरिकल्चर डिवीजन बना रहा है। खेतों में फूलों के कम दाम मिलते हैं इसलिए इसका मूल्य संवर्धन कर बाजार में बेचा जाए। जीविका दीदियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। विवि कैंपस में रूफ गार्डनिंग का एक माॅडल बनेगा जिसे देखकर प्रशिक्षु और विभिन्न जिलाें के लोग अपने यहां रूफ गार्डन तैयार कर सकेंगे। विषय प्रवेश कराते हुए निदेशक प्रसार शिक्षा, डाॅ. आरके सोहाने ने विवि में चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमाें के बारे में बताया। कार्यक्रम में निदेशक प्रशासन डाॅ. राजेश कुमार, रजिस्ट्रार डाॅ. एम हक, निदेशक शाेध डाॅ. पीके सिंह, कृषि काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. एसएन सिंह, उपनिदेशक प्रशिक्षण डाॅ. अभय मानकर मौजूद थे। मंच संचालन अनिता व धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. ममता ने किया। माैके पर डाॅ. फिजा अहमद, डाॅ. राजेश, डाॅ. आरवी वर्मा, डाॅ. सनोज, इं. पंकज उपस्थित थे।
बीएयू में शुरू हुए इनडाेर गेम; कैरम, चेस, बैडमिंटन के इवेंट हाेंगे
बीएयू में गुरुवार काे इनडाेर गेम शुरू हो गए। एक हफ्ते तक चलने वाले खेलाें का उद्घाटन वीसी ने किया। इसमें कैरम, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, चेस सहित अन्य खेलाें के इवेंट हाेंगे। खेलाें में स्नातक व पीसी के छात्र शामिल हाे रहे हैं। वीसी ने इनका हाैसला बढ़ाया और जीवन में खेलों की महत्ता बताई। खेलों के प्रति छात्राें के रुझान को देखते हुए वीसी ने उन्हें प्रोत्साहित किया और कहा कि इस विधा में भी अपनी पहुंच और पहचान राष्ट्रीय स्तर तक पहुचाएं। पीआरओ डाॅ. राजेश कुमार ने कहा कि उद्घाटन सत्र में निदेशक छात्र कल्याण डाॅ. राजेश कुमार, अधिष्ठाता कृषि डाॅ. आरपी शर्मा, अधिष्ठाता शोध डाॅ. पीके सिंह, कृषि काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. एसएन सिंह, नोडल पदाधिकारी खेलकूद डाॅ. वाईके सिंह, खेलकूद प्रभारी डाॅ. अवधेश पाल, डाॅ. सरिता, डाॅ. राजकिशोर कुमार माैजूद थे।