शाहकुंड। प्रखंड की कसवा खेरही पंचायत जो चारों तरफ से पहाड़ी एरिया से घिरा हुआ है। इसी पंचायत में प्रखंड कार्यालय के सभी आफिस भी संचालित होते हैं। फिर भी यहां लोगों को पेयजल संकट की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। मुख्यालय से सटे कसवा खेरही पंचायत में गर्मी के दस्तक देते ही पेयजल का संकट गहराने लगा है। जबकि पीएचईडी द्वारा पूर्व से लगाए गए सोलर प्लेट से संचालित होने वाली मिनी जलापूर्ति योजना के तहत ग्रामीण एवं शाहकुंड बजार में सप्लाई दी गई थी।
लेकिन उक्त योजना बीते कई वर्षों से ठप पड़ी हुई है। कसवा खेरही पंचायत के ही वार्ड संख्या-12 में पुरानी खेरही गांव में पीएचईडी द्वारा सोलर प्लेट से संचालित होने वाले मिनी जलापूर्ति योजना के तहत करीब दो हजार आबादी वाले इलाके को पानी की सप्लाई दी जाती थी। दूसरों की प्यास बुझाने वाला अब खुद जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है।
क्या कहते हैैं ग्रामीण
ग्रामीण पीयूष पासवान ने बताया कि उक्त योजना से दर्जनों टोले के लोगों को पेयजल की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन रखरखाव नहीं होने के कारण जगह-जगह पाइप टूट चुका है और स्थिति यह है कि हम लोगों को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण प्रशांत कुमार ने बताया कि सोलर प्लेट से चलने वाले मिनी जलापूर्ति योजना अब हाथी का दांत साबित हो रहा है।लाखों रुपए की लागत से बनी इस योजना का लाभ शुरु शुरु में तो लोगों को मिला लेकिन अब यह योजना पूरी तरह से फ्लाप साबित हो रही है। ग्रामीण शंकर कुमार ने बताया कि उक्त योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है, लोग अब मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अंतर्गत हर घर जल के नल पर आश्रित हो गए हैं। सोलर प्लेट से संचालित होने वाले मिनी जलापूर्ति योजना बिल्कुल खराब पड़ी हुई है। इसके बावजूद कसवा खेरही पंचायत चारों तरफ पहाड़ी क्षेत्र से घिरा होने के कारण यहां का भूगर्भ जल काफी नीचे चला गया है। इसके कारण चापाकल ने भी पानी उगलना बंद कर दिया है। इस कारण उक्त पंचायत में पेयजल के संकट से लोग जूझ रहे हैं।
क्या कहते हैैं जिम्मेदार
इस बाबत जब पीएचईडी के कनीय अभियंता महेंद्र चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पुरानी खेरही वार्ड संख्या-12 के सोलर प्लेट से चलनेवाली मिनी जलापूर्ति योजना को पीआरडी के हवाले कर दिया गया है। बाकी कसवा खेरही पंचायत के ही वार्ड संख्या 11 तहबलनगर एवं प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में सोलर प्लेट की जगह बिजली की मोटर लगाकर उक्त योजना को चालू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जहां जहां पर सोलर मिनी जलापूर्ति योजना का संवेदक नहीं है, उस मिनी जलापूर्ति योजना को बिजली के मोटर से कन्वर्ट कर प्रारंभ किया जाएगा।
पांच जगहों पर लगाई गई थीं सोलर प्लेट वाली टंकियां
सोलर प्लेट से संचालित होने वाली मिनी जलापूर्ति योजना प्रखंड में पांच जगह लगाई गई थी। इसमें कसवा खेरही पंचायत में तीन, अंबा पंचायत के शिवशंकरपुर गांव में एक एवं जगरिया पंचायत के कैलाशपुर गांव में एक सोलर प्लेट से मिनी जलापूर्ति योजना संचालित है। लेकिन प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय एवं अंबा पंचायत के शिवशंकरपुर गांव में संवेदक द्वारा रखरखाव किया जा रहा है। बाकी अन्य जगहों पर संवेदक द्वारा रखरखाव छोड़ दिया गया है। अब इनमें पीएचईडी द्वारा बिजली की मोटर लगाकर संचालित किया जाएगा। वहीं, पुरानी खेरही वार्ड संख्या-12 को पीआरडी के हवाले कर दिया गया है। पीआरडी उसे सोलर से चलाए या बिजली से अब उसकी जिम्मेदारी है।