भागलपुर। शहर के तिलकामांझी चौराहा से जुड़े मार्गो पर पैदल यात्रियों के लिए कोई जगह नहीं है। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर फुटपाथ को गायब कर दिए जाने से पैदल यात्रियों को सड़क पर वाहनों के रेला के बीच से गुजरना पड़ता है। हम बात कर रहे हैं तिलकामांझी-जीरोमाइल के बीच एनएच-80 का। बुधवार को हमने इस सड़क की पड़ताल की तो देखा हर समय यहा वाहनों का रेला लगा रहता है। इसी रेला के बीच भीड़ ठसाठस भरी रहती है। इतने महत्वपूर्ण मार्ग पर पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ है ही नहीं। पैदल यात्री जान जोखिम में डालकर बीच सड़क पर चलते हैं। घनी आबादी वाले आनंदगढ़, तुलसी नगर बैंक कॉलोनी, जवारीपुर, सुरखीकल, तिलकामांझी, नयाटोला, आदि मोहल्लों के लोग सड़क पर पैदल आते-जाते हैं। बढ़ती जनसंख्या, वाहनों के बोझ, अनियोजित विकास ने इस सड़क की तस्वीर बिगाड़ कर रख दी है। पैदल यात्रियों के लिए नाली के किनारे के हिस्से में बनाए गए पथ पर अब दुकाने लगाई जा रही हैं। इस मार्ग पर फुटपाथ के महत्व को नगर निगम ने भी नजरअंदाज कर दिया है। दो वर्ष पूर्व एनएच द्वारा सड़क का चौड़ीकरण कराया गया, लेकिन पैदल यात्रियों के लिए पटरी नहीं बनाया गया। अब इस मार्ग पर न तो फुटपाथ है और न ही रोड पटरी। तिलकामांझी चौराहा को सौ मीटर की परिधि में अतिक्रमणमुक्त रखने के निर्देश का कोई असर नहीं है। सड़क किनारे दर्जनों दुकानें लग गई हैं। सड़क किनारे वाहनों को खड़ी कर यात्रियों को बैठाया जाता है। वाहन पैदल यात्रियों का रास्ता रोके हुए है। आगे नालियों के आगे सड़क की पटरी तक जगह-जगह कूलर, फ्रिज, आलमारी, बक्से, इलेक्ट्रानिक, क्राकरी, के सामान सड़क किनारे रखकर बेंचे जा रहे हैं। कई गुमटियां सड़क किनारे लगी हैं। इस कारण लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कत होती है। सड़क पर चलने के कारण लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। दुर्घटना के शिकार कई लोगों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके फुटपाथ की ओर न तो प्रशासन का ध्यान है और न ही नगर निगम का।
खास बातें
-फुटपाथ के लिए सड़क की चौड़ाई कम से कम 12 मीटर होनी चाहिए।
-फुटपाथ की ऊंचाई एक से डेढ़ फीट होनी चाहिए।
-फुटपाथों की औसत चौड़ाई छह फीट होनी चाहिए।
-जगह की उपलब्धता के अनुसार इसमें कमी और बढ़ोत्तरी हो।
फुटपाथ के हर कट पर रैंप बनाना चाहिए।
-बुजुर्गो और विकलागों के फुटपाथों पर चढ़ने उतरने के लिए स्लोप का निर्माण होना चाहिए।
लोगों से बातचीत
फुटपाथ पैदल वालों का हक है। इसे पूरी तरह खाली कराकर अधिकारियों को पैदल राहगीरों का जीवन सुरक्षित करना चाहिए।
-उदय प्रताप सिंह।
प्रशासन को इसके लिए जुर्माना लगाना चाहिए। बगैर इसके समस्या का समाधान होने वाला नहीं है। फुटपाथ खाली होने चाहिए।
– राकेश कुमार।
समस्या को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं हैं। नगर निगम, पुलिस व जिला प्रशासन मिलकर समस्या हल करने प्रयास करना चाहिए।
– रामाशंकर।
फुटपाथों को उसका वास्तविक रूप दिए जाने की जरूरत है। इस कब्जा से पैदल राहगीरों का जीवन पूरी तरह असुरिक्षत हो गया है।
– मनोरंजन।
फुटपाथों पर कब्जा कत्तई नहीं होना चाहिए, लेकिन जब पैसा लेकर दुकान लगवायी जाएंगी तो पैदल बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गो की जान खतरे में रहेगी ही।
राम निवास कुमार।