भागलपुर में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनने के लिए पहल की गई है। लेकिन यही सिस्टम लोगों के परेशानी का कारण बन गया है। कचहरी चौक और नगर निगम चौक पर रविवार को भी दिनभर लगा रहा जाम। सिग्नल के टाइमर में नहीं हुआ बदलाव वाहन चालकों की बढ़ी परेशानी।
भागलपुर। शहरी क्षेत्र में स्मार्ट सिटी की योजना से यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद चल रही है। लेकिन, शहरवासी के लिए परेशानी का सबब बन गया है। ट्रैफिक सिग्नल लगाए जा रहे हैं। लेकिन, नई व्यवस्था में शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। कचहरी चौक व नगर निगम का चौराहा जाम में उलझकर रह गया। सिग्नल पर जिस तरह गाडिय़ों की लंबी कतार लग रही है। इससे लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है।
दरअसल सिग्नल में 75 सैकेेंड समय का रेड लाइट टाइमर फीड किया गया है। इतने समय के रेड सग्नल पर 150 से अधिक वाहन खड़ी हो जाती है। वहीं इसके अनुपात में 20 सैकेंड के समय का ग्रीन सिग्नल का टाइमर फीड किया गया है। ग्रीन सिग्नल का कम समय होने से गाडिय़ां पार नहीं कर पाती है। जिससे चौराहे पर वाहन आमने सामने हो रही है। नतीजा वाहन चालकों को चौराहे पर जाम का सामना करना पड़ रहा है। जबकि स्मार्ट सिटी के अधिकारी ने स्थल निरीक्षण कर समस्या का आंकलन किया। इसके बाद भी टाइमिंग नहीं बढ़ाई गई।
नगर निगम में वार्षिक बजट पर सशक्त स्थायी समिति का अनुमोदन नहीं होने के प्रभाव वित्तीय लेनदेन पर पड़ा है। समिति सदस्यों और निगम प्रशासन के बीच मतभेद का प्रभाव शहर के विकास कार्यों पर पडऩे लगा है। इससे सफाई, पेयजल व वेतन भुगतान पर असर पड़ेगा। प्रत्येक के पहले सप्ताह में सफाई मजदूरों को भुगतान किया जाता है। लेकिन बजट पारित नहीं होने से मजदूरों को भुगतान में बाधा होगी। इसके साथ सफाई कार्य में उपयोग होने वाले वाहनों में ईधन भरने में परेशानी होगी। वहीं वाटर वक्र्स में जलशोधन कार्य में ब्लीङ्क्षचग व चूना की खरीदारी में व्यवधान होगा। दरअसल समिति सदस्यों ने मेयर के समक्ष पांच मांगे रखी है। जिसका अब तक निदान नहीं हुआ है। सदस्यों ने अब तक तक बजट पर हस्ताक्षर नहीं किया है।